शिजिन छोटे छोटे सीढ़ियों पर धीरे धीरे एक एक कदम रख रहा था। नीचे जाने के बाद उसके रोंगटे खड़े होने लगे। जीतना बड़ा हॉल ऊपर था उतना ही आलीशान नीचे का हॉल था। एक ही बड़ी सी लाइट बल्ब जल रही थी। बीच हॉल में एक बड़ी सी टेबल रखी हुई थी। दीवारों से सटे अलमारियां एक कतार में लगे थे। शिज़िन वहां जा कर बीच हॉल में खड़ा हुआ और चारों तरह एक पैनी नज़र दौड़ाई, उसने जा कर एक अलमारी को खोला तो दिमाग की बत्ती जैसे गुल हो गई, हैरत और ताज्जुब से आंखें फाड़ फाड़ कर देखने लगा। उसने वहां ढेर सारे हथियार देखे। तह लगाए बंदूकें रखी हुई थी। दूसरे अलमारी को खोल कर देखा तो छोटे पिस्टल रखे हुए मिले। एक अलमारी में पैसों की गड्डियां रखी हुई थी। एक अलमारी में सोने के बिस्किट के साथ सोने की छोटी छोटी मूर्तियां भी थी। इसी तरह हर अलमारी में कुछ न कुछ हैरतअंगेज ख़ज़ाने भरे पड़े थे। शिज़िन का दिमाग चकरा गया और उसके आंखों के सामने बेला का खूबसूरत चहरा घूमने लगा। हैरत भरे लहज़े में अपने आप में बोला :" ड्रैगन आखिर तुम हो कौन? अपने स्पाई करियर में कभी इतना कन्फ्यूज नहीं हुआ हूं। शायद इस लिए क्यों के किसी भी मिशन में ड्रैगन नहीं थी। मुझे उस से बात करनी होगी।"
ये सब कह कर वह बाहर आया। जब खुफिया दरवाज़े को बंद कर के ड्रैगन कह कर आवाज़ लगाते हुए ग्राउंड फ्लोर पर आया तो सिर्फ मोगरा उसके सामने आया और ऐसे भौंकने लगा जैसे कुछ कहना चाहता हो। शिजिन ने जब देखा के सारे मिलिट्री ऑफिसर्स चले गए हैं और बेला भी नज़र नहीं आ रही है तो उसने मोगरा के सामने घुटनों पर बैठ कर उसे प्यार से सहलाते हुए बोला :" तुम्हारी ऑनर कहां है? क्या वे लोग उसे ले गए? या वह उन्हीं की एक ऑफिसर थी?
नहीं!...अगर वह उन्हीं की ऑफिसर होती तो मुझे ढूंढ कर ले जाती!....बताओ मोगरा क्या हुआ था?
मोगरा आगे बढ़ कर इशारे से बताने की कोशिश करने लगा। उसने कई इशारे दिए जिस से शिजिन समझ गया के वे लोग बेला को अरेस्ट कर के ले गए हैं। वह इशारे समझने में भी माहिर है।
बेला को एक बिल्कुल खाली कमरे में ले जाया गया। एक कुर्सी और एक छोटी सी टेबल रखी थी। उसे कुर्सी में बैठाया और पूछताछ के लिए चीफ़ ऑफिसर उसके सामने आंखे दिखा कर खड़े हुए :" बताओ तुम्हारे मां बाप, भाई बहन, दादा दादी, नाना नानी और तुम्हारा पूरा खानदान कहां है?
बेला ने इस सवाल पर बस इतना कहा :" मुझे नहीं पता!"
चीफ़ ने इस जवाब पर उसे गुस्से से खा जाने वाली नज़रों से देखा फिर कहा :" तुम उस किले में कैसे आई? वहां पर पहले कौन रहता था?
बेला ने नज़रे मिला कर ठहरे ठहरे अंदाज़ में कहा :" शायद मेरी याददाश्त चली गई थी जब मैने पाईन फॉरेस्ट में आंखे खोली! तब मैं सोलह साल की थी जब मैने खुद को किले में पाया और इस दुनिया से रूबरू हुई। मैने खुद को तनहा ही कबूल किया और कभी अपने खानदान को ढूंढने की कोशिश नहीं की क्यों के उस से पहले की कोई बात मुझे याद नहीं!"
उसके इन बातों पर झुंझलाए चीफ़ ने बेला के मुलायम गालों पर एक चांटा जड़ दिया। गुस्से से तिलमिला कर बोले :" हमे बेवकूफ समझती हो?.... तो तुम्हें नर्म लहज़ा पसंद नहीं आया।"
चीफ़ ने वहां खड़े दो सिपाहियों से कहा :" इसे तब तक टॉर्चर करो जब तक सब साफ साफ कबूल नहीं कर लेती। और हां... लड़की सोच कर रहम करने की कोई ज़रूरत नहीं है। हम भेदभाव नहीं करते।"
"Yes sir "
दोनों सिपाही ने तन कर खड़े होते हुए एक आवाज़ हो कर कहा और बेला के हाथ पैर बांध कर मुंह पर टेप चिपका दिया।
बेला की आंखें अब भी उस लोमड़ी की तरह थी जिसके मन में एक कहानी महफूज़ है और दिखावे के लिए उसकी चाल अलग कहानी कह रही है।
पाइन फॉरेस्ट :__
शिज़िन वापस तह खाने में गया और जल्दी जल्दी कुछ हथियार बन्दूक और पैसों को एक बैग में भर लिया। उसने मोगरा को अपने साथ लिया और बेला की जीप लेकर फॉरेस्ट से बाहर निकल गया।
इधर बेला को कई धमकियां दी जा रही थी लेकिन उसने बस यही दोहराया के उसे कुछ याद नहीं। आखिर कार उन लोगों ने उसके हाथ का एक नाखून उखाड़ लिया और सच बताने को कहा लेकिन बेला दिल की धड़कन को रोक देने वाले दर्द से चीखते हुए भी यही कह रही थी के वह कुछ नहीं जानती। इस तरह उन लोगों ने उसके पांचों उंगलियों के नाखूनों को उखाड़ लिया। उसका गोरा हाथ खून से लाल रंग में रंगीन हो रहा था। वह पसीने से तर हो चुकी थी और अब दर्द के मारे सांसे सीने में अटक अटक जा रही थी। उसकी आंखें फीकी पड़ने लगी लेकिन अब भी उसके लबों पर यही बात थी के उसे कुछ याद नहीं। उंगलियों से खून टपक टपक कर फर्श पर गिरता रहा। बेला की आंखें दर्द से सुर्ख हो रही थी लेकिन आंसू अब भी नहीं थे।
To be continued......