घायल आर्मी के अलावा जो लोग पीछे थे वे आगे बढ़े और उन दोनों को ऐसे ढूंढने लगे जैसे खेतों के ज़मीन के तह में चूहों को ढूंढ रहे हों। अंधेरे और भीगे सनोबर के जंगल में टॉर्च लाइट टिमटिमाता हुआ दिख रहा था। पेड़ो के जड़ों ने एक दूसरे को इस तरह जकड़ रखा था कि कुदरती सीढ़ियां बन गई थी। आगे आगे शिजिन उन पर कदम उठाता और उसका हाथ थामे बेला ऊपर चढ़ती। इस तरह उन्होंने काफी ऊपर तक का रास्ता तय कर लिया। बेला हांफते हुए बोली :" बस मैं और नहीं भाग सकती! मैं यही कहीं बैठ जाऊंगी! शिज़िन क्या वे लोग हमे अब भी पकड़ सकते हैं?
" बेला अभी हमे चलना होगा! अब भी हम उनके बंदूकों के ज़द में आ जाएंगे! हम तब तक खतरे में हैं जब तक चोटी को पार कर के नीचे की ओर न बढ़ जाएं!"
शिजिन ने उसे समझाया तो उसने झुंझला कर कहा :" क्या तुम्हरा इंटेलीजेंस ब्यूरो कोई मदद नहीं करेगा? तुम उनके सीनियर एजेंट हो!"
" मैं ने उन्हें मैसेज दे दिया है लेकिन इस बारिश में वे हेलीकॉप्टर नहीं भेज सकते! अगर बारिश रुक जाती है तो मदद आ जाएगी बस तुम हिम्मत रखो!...चलो अब चलते हैं।"
शिजिन ने उसे तसल्ली दी और हाथ पकड़ कर ले जाने लगा। दोनों की हालत खसता थी। भीगे पहाड़ पर पैर फिसलने का भी खतरा सता रहा था। अगर गलती से भी पैर फिसल गया तो सीधा घुड़कते हुए दुश्मनों के कदमों में जा गिरेंगे। गिरने से मौत भी हो सकती है। दोनों सम्भल कर चल रहे थे जिस से और अधिक थकान हो रही थी। शिजिन का ज़ख्म सूखा ही था के फिर से वे सब भीगने की वजह से नर्म हो कर कहीं कहीं से खून निकल आया था। बेला के दाएं हाथ में एक भी नाखून नहीं था उसकी टिश अब तक रोंगटे खड़े कर रही थी। बीच बीच में आसमान चमक उठता और पूरा पहाड़ सफेद हो जाता। कभी कभी लगता के आसमानी बिजली लपक कर उन दोनों पर गिर जाएगी।
बेला किसी तरह कदम उठा रही थी के उस पर एक टॉर्च की रौशनी पड़ी। शिजिन ने झट से उस तरफ गोली चला दी लेकिन उस से पहले दुश्मन ने भी गोली चला दी थी जो बेला के पैर में लग गई थी। शिजिन की गोली भी सिपाही को लग गई थी और वह लुढ़क कर दूर गिर गया था।
बेला दर्दभरी आवाज़ में कराह उठी। उसके पैर से खून निकल रहा था। शिजिन को समझ नहीं आ रहा था के अब इस हालत में क्या करे, कैसे ऊपर तक पहुंच पाएंगे। उसने अपने पीठ पर लदे बैग से एक रुमाल निकाला और उसके ज़ख्म को बांध दिया। बेला में अब ज़रा भी हिम्मत नहीं थी। उसे पेड़ पर टेक लगाए बैठाया तो उसने दर्द से अटकती आवाज़ में कहा :" शिजिन तुम जाओ! मैं तुम पर बोझ बनती जा रही हूं। छोड़ दो और चले जाओ!"
शिजिन उसके मुक़ाबिल बैठते हुए बोला :" अब हम उनके निशाने से बहुत दूर हैं। आएंगे भी तो मैं मुकाबला करूंगा पर तुम्हें छोड़ कर चला जाऊंगा तो मेरी जान बच जाएगी लेकिन गैरत से मर जाऊंगा! और मैं बेग़ैरत इंसान नहीं हूं। एक जासूस अपने इरादे का पक्का और आखरी सांस तक रिस्क लेने वाला होता है। मुझे इन सब का अंदाज़ा था के हम इतनी आसानी से अपने देश नहीं पहुंच पाएंगे। जब सफर तय किया है तो पूरा ज़रूर करेंगे और तुम घबराओ मत तुम्हें मरने नहीं दूंगा!"
" मेरे लिए ये जज़्बात क्यों? क्या तरस खा रहे हो क्यों के मैं एक लड़की हूं?
बेला ने आंखें मुंदते हुए कहा तो शिजिन ने बहुत ही साफ लहज़े में कहा :" अगर लड़का होती तब भी मैं यही करता! क्यों के मैं तुम्हारे इस शख्सियत की वजह जानना चाहता हूं। तुम्हें किस हादसे ने ऐसा बनाया? क्यों तुम इतनी बेख़ौफ़ हो? क्यों तुम्हें व्हील चेयर पर बैठे बूढ़े पर रहम नहीं आया? गिल क्रिस्ट और उसके साथियों ने तुम्हारे साथ क्या किया था ये सब मुझे जानना है।"
बेला आंखे बंद कर के रो पड़ी और मोगरा का नाम लेकर दिल पर धीरे धीरे मुक्के मारने लगी। उसका दिल जैसे धड़कने से थक चुका हो और निढाल हो गया हो जिसे बेला जगाने की कोशिश कर रही थी।
आधी रात गुज़र चुकी थी। बेला के पैर में गोली लगने के वजह से अब उसमें एक कदम उठाने की भी हिम्मत नहीं थी। पेड़ के पास से उठते हुए शिजिन ने कहा :" बारिश रुक गई है। हमे बस और थोड़ा ऊपर जाना है। बेला उठो बेला!"
बेला बेहोश हो चुकी थी और शिजिन उसे उठाने की नाकाम कोशिश कर रहा था।
किसी की गूंजती हुई आवाज़ आई " अरे वह देखो वहां है वह दोनों!"
शिजिन ने बैग से बम निकाला और नीचे की ओर फेंक दिया। एक धमाका हुआ जिस की धमक से शिजिन ने बेला को अपने बाहों के घेरे में छुपा लिया। कई पेड़ पौधे झुलस गए और सिपाहियों में अब आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी। शिजिन बेबस बेला को संभाले आसमान की ओर देख रहा था।
To be continued....