BTH (Behind The Hill) - 4 in Hindi Thriller by Aisha Diwan Naaz books and stories PDF | BTH (Behind The Hill) - 4

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BTH (Behind The Hill) - 4

जैसे जैसे रात जवां होती गई वैसे वैसे जंगल में वहशतनाक आवाज़ें गूंजने लगी। ज़रा सी हवा चलने पर पेड़ों के कड़कड़ा कर हिलने डुलने की आवाज़ें आती। खीड़की के बाहर झांकने से लंबे लंबे सनोबर के पेड़ धुंध की चादर ओढ़े दिखाई देते। दो दिन के बाद रेन ने इतना अच्छा खाना खाया था। खाना खाते ही उसे अपने जिस्म में ताक़त महसूस होने लगी थी। वॉशरूम गया और नहा धो कर अपने ज़ख्मों की मेहराम पट्टी करने लगा। उसे चाबुक मारा गया था इस लिए उसके पीठ में कई लंबे लंबे आकार में चमड़ी फटी हुई थी। पीठ पर उसका हाथ नहीं पहुंच रहा था। उसने एक चादर अपने ऊपर लपेट लिया। एक हाथ में खाने की थाली और दूसरे हाथ में दवाईयों का बॉक्स लेकर सीढ़ियों से दबे पांव उतरने लगा। बड़े से आलीशान हॉल कमरे में खड़ा हो कर अपनी नजरें दौड़ाई, एक तरफ से खाने की खुशबू आ रही थी तो ख्याल किया के वोही रसोई घर है। वह वहां गया और झूठे बर्तन धो कर बाकी बर्तनों के साथ तरतीब से रख दिया। वापस हॉल में खड़ा हो गया। वहां खड़ा वह सोच रहा था के ड्रैगन किस कमरे में रहती होगी? जब बिल्कुल सन्नाटे में भी उसे किसी की हरकत महसूस नहीं हुई तो धीरे से आवाज़ लगाया :" ड्रैगन!....ड्रैगन! ड्रैगन!...तुम कहा हो? उसके आवाज़ देते ही एक मोटा तगड़ा काले रंग का कुत्ता गुर्राते हुए रेन की तरफ लपका, रेन थोड़ा पीछे हट गया। कुत्ता फिर से उस पर हमला करने वाला था के बेला की सख़्त आवाज़ आई " मोगरा!...रुक जाओ!"
मोगरा उसके पालतू कुत्ते का नाम था जो एक शिकारी कुत्ता दिखता था। बेला के हुक्म करते ही मोगरा वहां बैठ गया और उसे देख कर दुम हिलाने लगा। बेला ऊपर के कमरों में से एक कमरे में थी। वह सीढ़ियों से उतर कर आई और चादर में लिपटे रेन को देखते हुए बोली :" क्या बात है? अगर यहां शोर मचाया तो मोगरा तुम्हें काट खायेगा!"

रेन हैरत में बोला :" ये कैसा नाम है। कुत्ते का नाम मोगरा और तुम्हारा ड्रैगन?....खैर इतने अच्छे खाने के लिए बहुत शुक्रिया! मुझे एक और मदद चाहिए!"

बेला चील की निगाह डालते हुए :" क्या ?

" मेरा हाथ पीठ पर नहीं जा रहा है! क्या तुम मेरे पीठ के ज़मखो पर दवाई लगा दोगी?

रेन ने नज़रे झुका कर हिचकिचाते हुए कहा।

बेला चाह कर भी उसके साथ सख़्त नहीं हो पा रही थी। फिर भी उसने दवाई लगाने से मना कर दिया।
" अपने आप लगाने की कोशिश करो! मैं किसी गैर मर्द के जिस्म पर हाथ नहीं लगा सकती!"

वह वापस ऊपर की तरफ जाने लगी तो रेन ने चादर हटा कर हाथ में ले लिया और अपना पीठ दिखाते हुए तेज़ आवाज़ में बोला :" एक बार देख लो ड्रैगन! अगर तुम चाहती हो कि मैं जल्दी यहां से चला जाऊं तो मेरा इलाज कर दो, रिक्वेस्ट कर रहा हूं।"

बेला ने मुड़ कर देखा तो एक पल में उसने आंखे बंद कर ली। फिर आँखें खोल कर उसके ज़ख्मों को देखा तो वह अपने पीठ पर दर्द महसूस करने लगी। उसे एहसास हुआ के वाकई " शिज़िन एक मज़बूत इंसान है। इतनी ज़ख्मी हालत में भी वह खड़ा है और बातें कर रहा है वरना कोई और होता तो अब तक बिस्तर पर ही पड़ा रहता। और शायद ज़ख्मों की ताब न ला पाता और मर जाता!"

ये सब सोच कर वह उसके क़रीब आई और उसके हाथ से दवाई का बॉक्स लेकर ज़ख्मों को पहले लिक्विड एंटीसेप्टिक से साफ किया फिर मरहम लगा कर बैंडेज लगाने लगी। उसके ऐसा करने पर मोगरा भौंकने लगा जैसे पूछ रहा हो "क्यों किसी गैर मर्द को छू रही हो? बेला ने उसे शांत रहने का इशारा करते हुए कहा :" ये हमारा दुश्मन नहीं है। इनका नाम शिजिन है और ये एक सिपाही है।"
उसके समझाने पर मोगरा शांत हो कर बैठ गया लेकिन अब भी उसकी पैनी नज़र रेन पर थी।
बेला की उंगलियां जब रेन के नंगे पीठ पर चल रही थी तब रह रह कर रेन का बदन सिहर उठता और रोंगटे खड़े होने लगते। उसने मुट्ठी बांध कर अपने आप को नॉर्मल रखने की कोशिश की। उसे समझ नहीं आ रहा था के बेला की उंगलियां ज़ख्मों को ठंडक दे रही है या एंटीसेप्टिक इतना जल्दी असर कर रहा है।

"चलो मोगरा!"
मोगरा को बुला कर वह अपने कमरे में चली गई। कुत्ता दुम हिलाते हुए उसके साथ चला गया। रेन भी ऊपर जा कर आराम से सो गया। उसके जिस्म वा जान को राहत मिली थी। सुकून की नींद आई पर मुसीबत ने पीछा न छोड़ा। सुबह सुबह कुछ लोगों की आवाज़ उसके कानों में पड़ी जो घर के सामने खड़े हो कर चिल्ला रहे थे " जो भी अंदर हो बाहर आओ! तीन गिनते हुए बाहर नहीं आए तो इस जगह पर ब्लास्ट होगा!"

(तो क्या बेला अब भी शिजिन की मदद करेगी या उसे बचाने की वजह से खुद भी खतरे में पड़ेगी या फिर ये लोग बेला के लिए ही आए हैं? देखते हैं अगले भाग में!)

To be continued......