काश तुम मेरे होते by Kshitij daroch in Hindi Novels
(Part - 1)प्यार!!देखा जाए तो यह सिर्फ चार अक्षरों का शब्द है, पर आज तक कोई इसका असली मतलब नहीं समझ पाया। हर किसी के लिए...
काश तुम मेरे होते by Kshitij daroch in Hindi Novels
Part - 2"उसके बारे में सब जानकर उम्मीद छोड़ दी। मैं उसे देखकर खुश रहता था। कहाँ उसे हर कोई जानता था, वह हर टीचर की फेवरे...
काश तुम मेरे होते by Kshitij daroch in Hindi Novels
Part - 3हर बार मैंने उसे देखा और हर बार मेरा प्यार उसके लिए बढ़ता ही गया। उसे देखना मेरे लिए दिन का सुकून था। हमेशा सुबह...