..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) by Miss Sundarta in Hindi Novels
...."ॐ वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ"... ..."निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा"....ये मेरी पहली कहानी का पहल...
..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) by Miss Sundarta in Hindi Novels
...!!जय महाकाल!!...अब आगे...!!द्रक्षता अपने काम में बिजी थी....तभी मैनेजर आकर उसे रूम नंबर 1269 में सर्विस देने को बोलते...
..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) by Miss Sundarta in Hindi Novels
...!!जय महाकाल!!...अब आगे...!!सात्विक उनके जाने के बाद.....रूम का डोर लॉक कर.....बेड पर मुंह के बल लेटे हुए.....आंखों मे...