Jununiyat si Ishq - 12 in Hindi Love Stories by Miss Sundarta books and stories PDF | ..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) - 12

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..जुन्नूनियत..सी..इश्क.. (साजिशी इश्क़) - 12

...!!जय महाकाल!!...

अब आगे...!!

सात्विक बेहद गुस्से में था.....सामने से किसी के बहुत तेज हंसने की आवाजें आ रही थी.....जिसे सुन वो अपने गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.....
सात्विक बेहद गुस्से से गुर्राते हुए:राजन मल्होत्रा.....छिप कर धमकी देना.....नामर्दों के लक्षण है.....अगर सच में मर्द हो.....तोह सामने आओ.....!!
वोह आदमी जिसका नाम राजन था:अगर तुम में इतनी ही हिम्मत है.....तोह मुझे अभी तक ढूंढ क्यों नहीं पाए.....पहले मुझे ढूंढो.....फिर तुम्हे मेरे साथ जो करना हो.....करना.....!!
सात्विक तिरछी मुस्कान मुस्कुराते हुए:अब अगर तुम सच में मुझे मिल गए.....तुम्हे तो पता ही होगा.....मैं किसी को दूसरा मौका नहीं देता.....!!
राजन भी उसे उकसाते हुए:हां.....पहले ढूंढ लो मुझे.....फिर होशियारी झड़ना.....!!
सात्विक फोन काट कर सोफे पर फेक दिया.....सभी उसे देख रहे थे.....राजन मल्होत्रा नाम सुन सभी के होश उड़ चुके थे.....
दीपक थोड़ा परेशान होकर:ये राजन मल्होत्रा तो मर चुका था ना.....जिंदा कैसे हो गया.....!!
सात्विक गुस्से से:उसने मरने का नाटक रचा था.....और हमे लगा वो मर चुका है.....लेकिन जब उसकी बॉडी पोस्टमोर्टम के लिए जा रही थी.....मुझे तभी डाउट हुआ था.....की यह मरा नहीं है.....और अब ये छुप कर धमकियां दे रहा है.....आई सवेर.....जिस दिन वो मुझे दिख गया.....उस दिन उसका इस दुनिया में.....आखरी दिन होगा.....!!
संभव बोला:भाई मुझे लगता है.....राजन सिर्फ एक मोहरा है.....हमारा ध्यान भटकाने का.....क्योंकि अभी आपकी शादी है.....ऐसे में हम अगर  उसे कुछ करेंगे.....तो यह अच्छा नहीं होगा.....और इन सब के पीछे कोई और मास्टरमाइंड हैं.....जिसे हम से नफरत हो.....!!
सात्विक उसे देख:मैं भी यही सोच रहा था.....अभी कुछ करने से प्रॉब्लम्स ज्यादा बढ़ जाएगी.....शादी के बाद उसका हिसाब बराबर करना ही होगा.....!!

वहीं जंगली इलाके में एक खंडर में बहुत भीतर एक कमरे में.....चार आदमी बैठे हुए थे..... वहां का वातावरण बाहर के वातावरण से बिल्कुल ऑपोजिट था.....कुछ लड़कियां उनके साथ बैठी हुई थी.....वो आदमी उन सब के शरीर के ऐसे भागों पर हाथ फेर रहे थे.....जिससे महसूस कर वो लड़कियां भी सिहर उठती.....लेकिन वो सब बस उनके मनोरंजन का हिस्सा थी.....इसलिए कुछ ना बोल पा रही थी.....
एक सोफे पर बैठा आदमी जो बहुत ड्रंक था.....वो अजीब अजीब हरकते कर रहा था.....बाकी बैठे आदमी अपना ड्रिंक करते हुए.....उसे ही देख रहे थे.....
उसकी हरकतों को देखते हुए उसका साथी बोला:राजन.....अगर तुमसे संभलती नहीं हैं.....तो पीते क्यों हो.....और वैसे भी हम सब अभी जीते है.....नहीं.....जो तुमने अभी से इसका जश्न मनाना शुरू कर दिया.....!!
राजन उसकी बात पर हस्ते हुए:जीते नहीं है.....तो क्या हुआ.....जीत जायेंगे.....उसकी शादी में कुछ न कुछ तो धमाका करना पड़ेगा.....हरीश.....!!
राजन की बात पर दूसरे सोफे पर बैठा.....आदमी जो करीब 50 साल का होगा.....
वो गुस्से में बोले:उस सात्विक सिंह की हिम्मत कैसे हुई.....मेरी बेटी को छोड़ कर किसी और से शादी कर रहा है.....ये शनाया उसके प्यार में पहले से ही गोते लगा रही हैं.....और ये इंसान उसे ठुकरा कर.....उस घर की महारानी का ताज किसी और को देने जा रहा है.....!!
राजन उसकी बात पर:तुम बूढ़े हो गए ना.....इसलिए तुम्हारे भेजे का स्क्रू ढीला हो गया है.....तुमको क्या लगता है.....पूरी दुनिया जहां की लड़की खत्म हो गई थी.....जो वो तुम्हारी ही बेटी से शादी करेगा.....तुम्हारी बेटी तो ऐसे ही ठरकी है.....जिसके बारे में सबको पता है.....वो तुम्हारी बेटी से शादी करेगा.....इतना बड़ा गलतफहमी तुम लोग कैसे पालते हो.....समझ नहीं आता.....!!
उस आदमी का नाम राजेश था.....उसे गुस्से से बोला:तुम जानते हो ना क्या बोला रहे हो.....और मेरी बेटी के बारे में कोई गलत शब्द बर्दाश्त् नहीं करूंगा.....!!
उन दोनों के झगड़े को देख एक आदमी जो तबसे शांत था.....उसकी उम्र यही कोई 27 के आसपास होगी.....
वो बोला:तुम सब अपने में ही झगड़ते हो.....यही बात मुझे तुम सब की बिल्कुल नहीं पसंद.....अरे झगड़ना ही था.....तो फोन कॉल पर झगड़ते.....यहां आने की क्या जरूरत थी.....!!
हरीश उसे देख बोला:तापस मुझे लगता है.....उसकी शादी में ही धमाका करना होगा.....तभी हमे कुछ फायदा होगा.....और ये जो अपनी बेटी के लिए तड़प रहा है.....क्यों ना इसकी बेटी का ही कुछ इस्तेमाल किया जाए.....!!
राजेश उसे घूरते हुए:अगर मेरी बेटी का किसी ने गलत इस्तेमाल किया ना.....उसे छोडूंगा नहीं.....मैं.....!!
तापस उसे देख:ओ बेवड़े बूढ़े.....तू कुछ देर के लिए मुंह नहीं बंद कर सकता.....उसने जो कहा.....उसका मतलब समझ आया तुम्हे.....जो अपना मुंह चला रहा है.....इतना.....तुझे अपनी बेटी उस सात्विक के साथ चाहिए ना(राजेश से पूछता है).....!!
राजेश हां में सिर हिला दिया.....
तापस उसे देख:तो जो हम करेंगे.....उसमें चुप चाप मुंह बंद कर के रख.....!!

इधर शादी की तैयारियां शुरू हो गई थी.....आज इंगेजमेंट था.....जिसका तैयारी जोरों शोरो से हो रही थी.....
सभी अपने कामों में व्यस्त थे.....
विनीता जी और सुरुचि सारे कैटरर्स को काम पर काम दिए जा रही थी.....किसी को भी रुकने नहीं दे रही थी.....
सुरुचि एक स्टाफ से:अरे.....जल्दी जल्दी करो.....वो फ्लावर वहां लगेगा.....अच्छे से लगाना.....!!
विनीता जी:अरे बहु.....इतना क्यों चिल्ला रही हो.....सब पर.....काम करते रहेंगे सभी.....तुम थोड़ा आराम कर लो.....!!
सुरुचि मुस्कुराते हुए:मां.....सास बनने की खुशी बहुत हो रही है.....अब मैं भी अपनी बहु से अपनी सेवा कराऊंगी.....कितनी मुश्किलों से सात्विक को शादी के लिए राजी किया.....वरना वो तो शादी के नाम से ही नफरत करता था.....!!
विनीता जी:हां.....हां.....जानती हु.....बहुत खुशी हो रही है.....तुम्हे.....लेकिन तबियत का भी तो ध्यान रखना चाहिए.....जाओ जाकर खाना खा लो.....!!(बोलते बोलते वो थोड़े कारक अंदाज में बोलने लगती है)
सुरुचि:ठीक है.....मां.....लेकिन आप भी इन सब पर ध्यान रखना.....!!

सभी बॉयज स्टडी रूम में बैठे हुए थे.....और सभी बातें कर रहे थे.....तभी प्रत्यूष का फोन बजा.....वोह कॉल रिसीव करते हुए.....साइड जाकर खड़ा हो गया.....
वो कॉल पर बोला:हां.....शरण्या क्या हुआ.....!!
दूसरी तरफ से एक खिलखिलाती हुई सी आवाज आई:मुझे कुछ नहीं हुआ.....मैं तुम्हे मिस कर रही थी.....वो भी बहुत.....प्लीज़.....क्लब में मिलते है ना.....!!
प्रत्यूष इंकार करते हुए:नहीं शरण्या.....आज नहीं हो पाएगा.....कल मिलते है.....आज भाई की इंगेजमेंट है.....तो यहां बिजी हु.....!!
शरण्या शॉकिंग वे में बोली:क्या.....लेकिन कौन से भाई की इंगेजमेंट है.....और तुमने मुझे कुछ बताया क्यों नहीं.....क्या अब मैं तुम्हारे लिए इंपॉर्टेंट नहीं रही.....मन भर गया क्या मेरे साथ तुम्हारा.....!!(लास्ट में नाराजी से)
प्रत्यूष उसे समझते हुए:नहीं शरण्या.....ऐसी कोई बात नहीं है.....सात्विक भाई की शादी कल ही कन्फर्म फिक्स हुई है.....और तब से टाइम ही नहीं मिला.....अगर टाइम होता तो मैं तुम्हे पक्का बताता.....और मेरे पर ट्रस्ट नहीं है क्या तुम्हे.....!! 
शरण्या बोली:प्रत्यूष.....मैं तुम पर खुद से ज्यादा ट्रस्ट करती हु.....मुझे पता है.....तुम्हे सच में तुम नहीं मिला होगा.....ओके.....बाय.....कल पक्का क्लब में मिलेंगे.....!!
प्रत्यूष:ओके.....सी यू सुन.....स्वीटहार्ट.....!!
प्रत्यूष कॉल कट कर सभी के पास चला जाता हैं.....

इधर द्रक्षता के घर में भी सभी बहुत जल्दी में थे.....क्योंकि यहां का सारा काम निपटा कर.....उन्हें राजपूत मैंशन के लिए निकलना था.....
मान्यता ने सब से पूछा:सब कुछ हो गया.....कुछ छूटा तो नहीं है ना.....दृशा एक फिर से चेक कर ले.....और निकलने का समय भी हों गया है.....द्रक्षता क्या कर रही है.....बुलाओ उसे.....उसी की शादी है.....और वही लेट कर रही है.....!!
द्रक्षता रूम से बाहर आते हुए:अरे मां.....यही हु.....और आप इतनी जल्दी में क्यों हो.....मुझे थोड़ी ना घोड़ी चढ़ के अपनी दुल्हन को लेने जाना है.....मेरे दुल्हराजा आयेंगे मुझे लेने.....आप इतनी टेंशन मत लो.....सब कुछ हो जाएगा सही से.....!!
मान्यता उसे देखते हुए:कैसे टेंशन ना लू.....मेरी पहली बेटी की शादी हो रही है.....वो भी इतने बड़े खानदान में.....टेंशन ना लेने से भी हो ही जाता है.....अच्छा ठीक है.....अब तू बाते मत बना.....रेडी होगयी.....(उसे देख उसके पास आकर उसे पूरे गौर से देखते हुए)हां ठीक लग रही हैं.....एक बिंदी लगा ले और अच्छी लगेगी.....!!(अपने आंख से काजल लेकर उसे कान के पीछे लगा देती है)
द्रक्षता हां में सिर हिला.....अंदर जाकर बिंदी लगाकर आती है.....वो सच में बहुत खूबसूरत लग रही थी.....उसने एक क्रीम और रेड कलर की सलवार सूट पहना हुआ था.....इंगेजमेंट के कपड़े उसे राजपूत मैंशन.....में ही पहनाया जाना था.....
वो सब सब कुछ सेट कर राजपूत मैंशन के लिए निकल जाते है.....जब सब वहां पहुंचते है.....उन सभी राजपूत मेंबर्स बहुत अच्छे से स्वागत करते है.....फिर कुछ बातों के बाद द्रक्षता को रेडी होने के लिए भेज दिया जाता है.....बाकी सब भी रेडी होने लगते है.....

शादी पूरी तरह से प्राइवेट थी.....जहां किसी भी मीडिया या जिनसे ज्यादा कम्युनिकेशन नहीं था.....उन्हें शादी की खबर नहीं थी.....क्योंकि सात्विक ने अपनी पर्सनल लाइफ.....को कभी प्रोफेशनल लाइफ में इन्वॉल्व नहीं किया था.....

...!!जय महाकाल!!...

क्रमशः..!!