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खेल
अश्विन ने अभिरंजन को कॉफी का कप पकड़ाते हुए कहा, “आपके यहाँ आने का कारण जान सकता हूँ।“ अभिरंजन ने कॉफी का घूँट भरते हुए जवाब दिया, “मुझे रोमा ने माया के किडनैप के बारे में बताया था तो सोचा......” “:आपको भी यही लगता है कि यह काम मेरा होगा।“ अश्विन ने उसकी की बात काटते हुए ज़वाब दिया। “नहीं, मुझे आदमी की पहचान है,” उसने अब कॉफी का कप टेबल पर रखते हुए अश्विन को गौर से देखते हुए दोबारा कहा, “तुम्हारे साथ जो हुआ मुझे उसका सख्त अफ़सोस है पर मैं यहाँ तुम जैसे जाबांज ऑफिसर से हमदर्दी जताने के मकसद से नहीं आया, बस मेरे दिमाग में एक बात थी, सोचा तुम्हें बता दूँ तो क्या पता तुम्हारी कुछ मदद हो जाए।“ अब अश्विन के चेहरा भी गंभीर हो गया। उसने अब उसे एकटक देखते हुए पूछा,
“कौन सी बात?”
यह उस वक़्त की बात है, जब मैं माया पर नज़र रख रहा था तो मैंने देखा कि माया एक जगह पर रोज़ाना जाती है।
“कौन सी जगह?”
“महरौली की फ्रेंड्ज़ कॉलोनी में एक विला है, जहाँ वह रात को आठ और नौ बजे के बीच अकसर जाती थी। जिस दिन तुम पर उसके किडनैप का इल्जाम लगा उस दिन भी वह वहाँ गई थी।“
“आपने फिर से उसका पीछा करना शुरू कर दिया और वैसे भी आपने यह बात मुझे पहले क्यों नहीं बताई?”
“नहीं, दरअसल उसकी उस दिन गाड़ी बीच रास्ते में दिख गई थी तो तुम्हारी सम्राट वाली बात सोचकर मैंने वो चांस लिया तो देखा कि वह वहीं गई थी और पहले यह बात मुझे बताने लायक नहीं लगी” अभिरंजन ने गहरी साँस छोड़ते हुए कहा।
“आपने जानने की कोशिश नहीं की उस विला में कौन रहता है या फिर माया वहाँ क्यों जाती है ?”
“मैंने रोमा से इस बारे में बात की थी, उसने बताया कि माया की अब इतनी औकात नहीं है कि वो कोई प्रॉपर्टी खरीद सकें। ज़रूर उसकी बहन शनाया ने खरीदकर दी होगी और वह वहाँ टाइम स्पेंड करने जाती है।“
“तो..... यह तो नॉर्मल सी बात है।“ अश्विन के चेहरे पर एक कुंठा है।
“शायद नहीं, क्योंकि मैंने देखा कि उस विला का दरवाजा कोड से खुलता है और अंदर काफी सिक्योरिटी है। मुझे बाहर के लॉन में इतने कैमरे दिख तो सोचा अंदर कितने कैमरे होंगे, एक टाइम स्पेंड करने के लिए कौन अपनी प्रॉपर्टी पर इतनी चौकसी लगाता है।“
“एक बात पूछो?” अश्विन अभिरंजन के उलझे हुए चेहरे की तरफ देखकर कहा।
“हाँ पूछ सकते हो?”
“आपने माया के पर नज़र रखना बंद क्यों कर दिया था।“
“एक अपनी बीमारी और रवीश सिंघल के वापिस इंडिया आने की वजह से, मैं उस आदमी से दूर रहना ही पसंद करता हूँ।“
“क्यों, क्या वो कोई खतरनाक आदमी है?”
“पता नहीं पर सनकी ज़रूर है, वह कब क्या करें किसी को कुछ नहीं पता और जब चीज़े उसके कण्ट्रोल के बाहर हो जाती है तो उसके लिए खतरनाक शब्द कहना भी छोटा लगने लगता है, सच कहो तो इनकी फैमिली में सिर्फ अमित, रोमा ही ठीक है और शानाया से मैं कभी मिला नहीं पर वो भी अपनी बहन जैसी तो नहीं हो सकती।“ यह कहते हुए अभिरंजन ने अपनी बात खत्म की । अब थोड़ी देर की और बातचीत के बाद, अभिरंजन वहाँ से चला गया और अश्विन को सम्राट की बात याद आई कि माया ने किसी के कहने पर उसके साथ ऐसा किया और फिर उसे किशन की कहीं बात का भी ख्याल आया कि सम्राट का कोई तीसरा खास आदमी भी दिल्ली में मौजूद है। अब उसने कुछ सोचते हुए एक नंबर डायल किया तो सामने वाले के फ़ोन उठाते ही उसने कहा, “मेरा एक काम करोगी?”
अगली सुबह राठी की जमानत हो गई और उसने अनुज को जाते हुए कहा, “ देखा तुमने सम्राट ने तुम्हारे उस दोस्त के कैसे परखचे उड़ा दिए, अब भी कह रहा हूँ कि उसका पीछा छोड़ दो।“ अनुज ने भी उसे उसी मूड़ में जवाब दिया, “ देख तेरी जमानत तो हो गई है पर हमारी नज़र हमेशा तुझ पर रहेगी इसलिए तूने कुछ भी गलत किया तो तेरे परखचे मैं उड़ा दूँगा, समझा, अब निकल यहाँ से।“ यह सुनकर राठी अनुज को घूरते हुए वहाँ से निकल गया। अब अनुज को यश का फ़ोन आया तो वह फुर्ती से वहाँ से निकल गया। वहीं अश्विन किशन को कांटेक्ट करने की कोशिश कर रहा है पर उसका नंबर बंद आ रहा है, उसे याद है कि किशन ने उसे कहा था कि वह अंडरग्राउंड हो रहा है, मगर कहाँ यह अश्विन को नहीं पता।
करीब पाँच बजे अश्विन को शीला का कॉल आया,
“हाँ शीला, मेरा काम हुआ।“
“स्वीटहार्ट, वह विला कम कोई ख़ुफ़िया अड्डा ज़्यादा लग रहा है।“
“मतलब?” अश्विन थोड़ा हैरान है।
“पहले तो उस माया से कोई सॉलिड बहाना बनाकर बड़ी मुश्किल से उस विला में मीटिंग रखवाई, फिर तबीयत का बहाना बनाकर फ्रेश हवा के बहाने उसका विला देखा तो पता चला कि उसमे चार फ्लोर है। तीन फ्लोर तो घर के सामान से भरा हुआ है पर चौथे फ्लोर पर माया ने मुझे जाने नहीं दिया। ग्राउंड फ्लोर के दाई तरफ एक कमरा है जिसे तुम सभी कैमरे का कण्ट्रोल रूम कह सकते हो। लॉन के बैकसाइड में फायर अलार्म है और उस जगह के अलावा सब जगह कैमरे है और दरवाजे का कोड जितना मुझे माया के फिंगरटिप्स से समझा आया, वह 8562 या 8520 होना चाहिए।“
तुमने बहाना क्या बनाया?
“यहीं कि मैं कुछ घंटे के लिए दिल्ली आ रही हूँ, वो भी महरौली और मीटिंग नहीं हुई तो करोड़ो का नुकसान हो जायेंगा”
“थैंक यू सो मच शीला, आज तुमने मेरी ज्यादा ही मदद कर दी।“
“कभी तुम भी मेरी बहुत ज्यादा मदद कर देना पर पहले इस माया के मायाजाल से बाहर निकलो, ” शीला मुस्कुराई।
“यस एनीटाइम !!!” यह बोलते हुए अश्विन के चेहरे पर भी मुस्कराहट आ गई। अब कुछ देर तक अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाते हुए उसने एक प्लान बनाया और माया के उस विला की तरफ जाने के लिए घर से निकल गया, पहले उसने अपनी सोसाइटी के एनिमल हाउस से अपनी बिल्ली ली, जिसके साथ वह अकसर खेलता था, फिर वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था इसलिए उसने कैब को बुला लिया और आधे घंटे के बाद विला की बैकसाइड में पहुँच गया और फिर बड़ी सावधानी से बिल्ली के साथ दीवार फाँदते हुए विला के अंदर घुसा और फिर धीरे कदमों से फायर अलार्म के पास पहुँचकर उनसे अलार्म से लटकती तार को हिला दिया, अब उसने बिल्ली वहीं छोड़ दी और खुद पेड़ की ओट में छिप गया। अलार्म के बजते ही सिक्योरिटी वहीं आ गई । अब वह मौका देखकर सीधा कैमरे वाले रूम में गया और कण्ट्रोल बोर्ड पर लगे बटन दबाकर उसने कैमरे खराब कर दिए और बिना देर गँवाये चौथे फ्लोर पर चला गया। उसने देखा कि इस फ्लोर एक बड़ा हॉल कमरा है और एक छोटा कमरा है और दो सिक्योरिटी गार्ड भी घूम रहें हैं।
उसने जेब से क्लोरोफॉर्म निकाली और फिर पहले एक गार्ड को बेहोश किया और फिर दूसरे को बेहोश कर वहां बने कमरे में बंद कर दिया और फिर उस बड़े कमरे की तरफ बढ़ गया। उसने कमरे के अंदर झाँका तो उसे देखा कि कमरे में चारो तरफ बड़े-बड़े परदे लगे हुए है और सामान के नाम पर एक अलमारी, बेड और सिंगल सोफा है । कमरे के साथ अटैच बाथरूम है जिससे पानी की और संगीत की आवाज आ रही है, “ इसका मतलब कोई अंदर नहा रहा है।“ यही सोचकर वह दबे कदमों से अंदर गया और एक बड़े से परदे के पीछे छिप गया। पहले उसने अपना फ़ोन साइलेंट पर किया और फिर बिल्कुल परदे की ओट से बाथरूम से किसी के निकलने का इंतज़ार करने लगा। तभी दरवाजा खुलने की आवाज आई तो वह सावधान होकर मन ही मन कहने लगा, “अब इस खेल का एक और खिलाड़ी सामने आने वाला है।