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सीरियल किलर
सुबह पुलिस का साईरन रोजमेरी सोसाइटी के हर शख्स को सुनाई दे रहा हैI पुलिस ने अमन की कार के आसपास घेराबंदी कर रखी हैI अब मीडिया के कैमरे पुलिस की जीप से निकलते इंस्पेक्टर अनुज मोहसिन पर फ़्लैश होने लगे तीस साल का अनुज दिखने में हैंडसम, सांवला रंग, लम्बा कद, सीना चौड़ा चेहरे पर दाढ़ी, गहरी नीली आँखें और वर्दी पर इतने सारे मैडल I अनुज की गिनती काबिल अफसर में होती हैI अब वह सभी मीडिया वालों को अनदेखा करकर अमन की गाड़ी की तरफ बढ़ गयाI उसने अंदर झाँककर देखा तो अमन की गर्दन कर बड़ा सा कट का निशान है और उस निशान से लगातार खून बहकर सूख चुका है, जिससे अमन का चेहरा नीला पड़ चुका हैI उसके पास एक हरें रंग का पेन गिरा हुआ हैI तभी अनुज की नज़र गाड़ी के शीशे पर गई जिस पर खून से लिखा है, “बेवफाई की सजा मौत !!!!” यह पढ़कर अनुज का चेहरा गंभीर हो गयाI तभी सब इंस्पेक्टर यश उसके पास आकर बोला, “सर सुबह के तीन बजे के आसपास मर्डर हुआ हैI” यश, लाश को फॉरेंसिक जाँच के लिए भेज दो और “जो कुछ भी गाड़ी से मिलता है, उसे लेकर स्टेशन पहुँचोI” यह कहकर जैसे ही अनुज अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ा, रिपोर्टर्स ने उस पर पर सवालों की बौछार कर दीI
“सर क्या यह उसी सीरियल किलर का काम है?”
“देखिए, कुछ कह नहीं सकतेI”
“लेकिन सर इस विक्टिम की गाड़ी पर भी यही लिखा है, जो बाकी दो मरने वालों की गाड़ी पर लिखा था” I
“नो कमैंट्स !!” यह कहकर अनुज ने आँखों में शेड्स लगाए और कांस्टेबल सुनील वहाँ से गाड़ी भगाकर ले गया I जब वह पुलिस हेडक्वॉर्टर पहुँचा तो सीधा पुलिस कमिश्नर पी.सी. गुप्ता के केबिन की तरफ चला गयाI राणा की नज़रे टीवी पर फ़्लैश होती न्यूज़ पर हैI उन्होंने अनुज को देखते ही टीवी बंद किया और उसे बैठने का ईशारा कियाI
“सर आपने बुलाया?”
अनुज!! यह काम भी उसी सीरियल किलर का है?
“सर लग तो वही रहा है, मर्डर वेपन वही पेन है I” गाड़ी पर वहीं लिखा है, “बेवफाई की सजा मौत !!!” कमिश्नर ने गहरी साँस लेते हुए कहा, “देखो अनुज तीन महीने में यह तीसरा मर्डर है I मुझ पर बहुत प्रेशर है I”
“सर मैं समझ सकता हूँ I”
“समझने-समझाने का टाइम बीत चुका है I मुझे तुम्हारी काबिलियत पर पूरा भरोसा है पर हाई कमीशन ने अब क्राइम ब्रांच से अश्विन राणा को केस सौंप दिया है I”
“सर आप मुझे इस केस से हटा रहें हैं ?”
“नहीं!! पर अश्विन भी तुम्हारे साथ इस केस में रहेगा I आज शाम वो दिल्ली पहुँच रहा है I “ अनुज ने यह सुनकर मुँह बना लिया तो वह बोले, “वह मुंबई के सीरियल किलर देवेन को पकड़ चुका है जो किशोर लड़कों को टारगेट करता था इसीलिए इस केस में हमें उसकी ज़रूरत है I”
“लेकिन सर वो तो किसी माफिया डॉन को पकड़ने में लगा है ऐसे में वह इस केस को हैंडल कर पाएगा?”
“ऑफ़कोर्से !! उस माफिया की भी दिल्ली में छुपे होने की खबर है और अश्विन के लिए दोनों केस हैंडल करने कोई बड़ी बात नहीं है I” अनुज अब “ओके” कहकर वहाँ से निकल गया I जीप में उसे किसी गहरी सोच में डूबा देखकर यश ने टोका, “सर, कमिश्नर ने क्या कहा?” “आश्विन आ रहा है I” “सर वो तो खुद ही अपनेआप में सीरियल किलर है I सुना है, हर लड़की उनके किलर लुक्स पर फ़िदा हो जाती हैI मैं तो उनसे आज तक मिला नहीं पर मुझे लगता है, उनके साथ काम करने का एक्सपीरेन्स अच्छा रहेगाI “यह सुनकर अनुज ने यश को घूरा तो वह झेंप गया I “वो दिखने में जितना स्मार्ट है, उससे कहीं ज्यादा उसकी स्मार्टनेस बड़े-बड़े मुजरिमो को पकड़ने के काम आती है I किसी भी कातिल का उसे मात देना आसान नहीं है I अश्विन लोमड़ी से भी ज़्यादा चालाक दिमाग का है और चीते से भी ज्यादा फुर्तीला I” “सर आप उन्हें पर्सनली मिले हैंI” अनुज ने कोई ज़वाब नहीं दिया तो यश ने आगे पूछना ठीक नहीं समझा I
पुलिस स्टेशन में अमन के पेरेंट्स और उसका भाई बैठे हुए हैं I उनकी आँखे देखकर लग रहा है कि वह तीनो काफी आँसू बहा चुके हैं I अनुज ने अपनी कुर्सी पर बैठते ही कांस्टेबल सुनील से पूछा, “इन्हें पानी दिया?” “ सर यह कुछ भी नहीं ले रहें I” सुनील ने ज़वाब दिया I अब अमन के पापा भरे स्वर में बोले, “किसने हमारे बेटे को बेरहमी से मार दिया ?” “ मिस्टर रतन मेहरा हम पूरी जाँच कर रहें है, बहुत जल्द आपके बेटे के कातिल का पता चल जायेगा I” “ क्या मेरे बेटे का सिर्फ यह कसूर था कि वह अपनी मर्ज़ी से ज़िन्दगी जीना चाहता था और एक रिश्ता तोड़ने पर इतनी बड़ी सजा, कहीं उस शुभांगी ने ही तो मेरे बेटे का क़त्ल नहीं किया है?” उसकी माँ जया रोते हुए बोली I “देखिए!! अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं है I” अनुज ने उन्हें समझाया I “सर मेरे भाई को उस किलर ने मारा है और आपका डिपार्टमेंट इस लायक भी नहीं कि उस किलर को पकड़ सकें I” एक बारहवीं के लड़के अनमोल के मुँह से यह सुनकर अनुज थोड़ा सरप्राइज हुआ I मगर फिर उसकी तरफ देखते हुए गंभीरता से बोला, “कोई खूनी कितना भी चालाक क्यों न हो, देर-सेवर पकड़ा ही जाता है I डोंट वरी हम तुम्हारे भाई के कातिल को पकड़ लेंगें, अब आप लोग घर जाए, फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद आपको बॉडी सौंप दी जाएगी I” अमन और उसके पेरेंट्स तो चले गए पर अनुज के सामने अमन की मौत का मंजर घूमने लगा जो आज सुबह वह देखकर आया था I “कौन है यह जो बेवफाई की सजा मौत दे रहा है I”
अनुज, अमन के केस की फाइल देख रहा है I तभी उसकी बीवी कोमल का फ़ोन आता है, “आज घर आने का इरादा है या वही स्टेशन में रहना हैI” “नहीं, आज का डिनर तुम्हारे साथ ही करूँगाI” तभी उसके स्टेशन के बाहर आकर एक गाड़ी रुकी और एक शख़्स धीमे कदमो से स्टेशन की तरफ बढ़ने लगाI अनुज को उसकी आहट अपने नज़दीक आती सुनाई दी तो वह अपनी चेयर से खड़ा होकर दरवाजे की तरफ देखने लगा, अब वह शख्स उसके केबिन में दाखिल हुआ तो और अनुज को घूरकर देखने लगाI अनुज ने भी जवाब में उसे खा जाने वाली नज़रों से देखा तो अनुज के मुँह से निकला, “कमीने आ गया तू, तेरा ही इंतज़ार थाI” वहीँ पास बैठा यश सोच रहा है कि “अनुज सर तो कभी किसी को गाली नहीं देते I फिर यह कौन है?”