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खेल
अब अश्विन ने यश को बैठने का ईशारा करते हुए कहा, “अभी माया सिंघल आई हुई है यश, इनका टाइम बहुत कीमती है इसीलिए थोड़ा सब्र करोI” यह सुनकर माया मुस्कुरा दी और अश्विन ने उससे सवाल पूछना शुरू किया,
“तो मिस माया? यह एक इत्तिफाक है जिन दो लोंगो का मर्डर हुआ है, उनके साथ आप रिलेशन में थीं?”
“यस!! पर मैं अनुराग के लिए खास सीरियस नहीं थी मगर वो था, उसने मुझे बताये बिना ही अपनी शादी तोड़ दी और फिर एक हफ्ते बाद उसका मर्डर हो गयाI”
“और अमन मेहरा?” अश्विन ने भौहें उचकाते हुए पूछाI
“वो मुझे अच्छा लगता थाI” “शायद, मैं उसके लिए सीरियस भी थी पर वो भी....... कहते-कहते माया रुक गईI वैसे मुझे दोनों की मौत का बेहद अफ़सोस हैI” अब उसने अपनी बात खत्म कीI यह सुनकर अश्विन अनुज को देखने लगा और दोनों ही हल्का सा मुस्कुरा दिएI
“और कुछ ?” माया के वकील अनिल ने पूछाI
“जी मैडम अभी तो आई है, पूछ ही रहें हैंI” अश्विन ने घूरते हुए ज़वाब दिएI
“अच्छा मिस माया यह बताएं कि इस सीरियल किलर के बारे में आपका क्या कहना है? “
“मुझे लगता है यह कोई डिप्रेस्ड इंसान है जो यह सब कर रहा हैI वरना अफेयर, ब्रेकअप, शादी टूटना यह तो बड़ी नार्मल सी बात हैI” यह कहते हुए माया ने गहरी सांस छोड़ी तो अश्विन की नज़र उसकी आँखों की तरफ चली गई जो किसी के अंदर तक झाँकने का हुनर रखती हैI
“वैसे आप कहाँ थी, जब अमन का मर्डर हुआ था? “
“अपने अपार्टमेंट में आराम कर रही थीI” उसने फिर एक दिलकश नज़र अश्विन पर डालीI
“आप अनुराग और अमन से कहाँ मिली थी?”
“अनुराग से मैं अपने बिज़नेस के सिलसिले में मिली थी और अमन मुझे एक दिन क्लब डेविल में ऐसे ही मिल गया था, हमारी वहाँ बातचीत हुई और फिर रिलेशनशिप शुरू हो गयाI इसी बीच मैं अनुराग से भी मिलती थी पर जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं उसके लिए सीरियस नहीं थीI” माया ने सफाई दीI
“ठीक है, मिस माया ज़रूरत होगी तो आपको दोबारा तकलीफ दे सकतें हैI” माया ने सुना तो मुस्करा दी फिर उसने अपने वकील से पेन माँगा और टेबल पर रखे एक पेपर को बड़ी नज़ाकत से उठाया और उस पर अपना फ़ोन नंबर लिखकर अश्विन को पकड़ाते हुए बोली, “कॉल मी एनीटाइमI” और एक बार फिर माया की नज़रों की तपिश अश्विन को महसूस हुई तो वह बड़ी सी स्माइल देते हुए बोला, “थैंक्सI” अब उसके केबिन से जाते ही यश बोल पड़ा, “सर आपको लगता है, इसे किसी की भी मौत का अफ़सोस हैI” “यश, मुझे ऐसी लड़कियाँ अच्छी लगती है जो लड़कों पर ज्यादा टाइम वेस्ट न करें I” यह कहते हुए वह माया का फ़ोन नंबर अपने फ़ोन में सेव कर रहा हैI अब वह उठा और “बाद में मिलते है” का कहकर बाहर की तरफ जाने लगाI
“अनुज सर!! यह आश्विन सर कभी किसी लड़की के लिए सीरियस भी हुए थें?” यश ने हँसते हुए पूछाI
“हाँ, ईशा नाम था उसकाI खैर तुम यह सब छोड़ो और उस ट्रैन के बारे में बताओI” यह सुनकर यश उसको ट्रैन के बारे में बताने लगाI
अश्विन की गाड़ी एक गेराज के आगे रूकती हैI वह उसके अंदर जाता है और एक मैकेनिक को देखकर आवाज़ लगाता है, “किशन !! कैसे हो?” किशन उसे देखकर मुस्कुराता है और फिर दोनों गेराज में रखी कुर्सी-टेबल पर चाय के साथ अपनी बातचीत शुरू करते हैंI “किशन जो काम दिया था वह करा”” अश्विन ने चाय का घूँट भरते हुए पूछाI “सर सम्राट के बारे में पता लगाना इतना आसान थोड़ी न है, उसके कोई भी कुत्ता कुछ सूँघता हुआ, यहाँ आ गया तो मैं तो गयाI “ किशन ने हँसते हुए कहाI “मुझे उसके किसी एक कुत्ते के बारे में बता दें, “ “सर रोनित साहनीI” “ वो जो जूतों का कारोबार करता है?” “हाँ सर पर दरअसल वह ड्रग्स सप्लाई करता है, सुनने में आ रहा है कि आखिरी बार उसने सम्राट से बात की थीI” “ खबर पक्की है? “ “बिलकुल!!” किशन ने यह कहते हुए इतनी ज़ोर से चाय की चुस्की ली कि उसकी आवाज़ अश्विन को भी सुनाई दीI “ठीक है पर सुन, कुछ और भी पता चले तो मुझे बताने के लिए ज़िंदा रहियोI “ यह कहकर अश्विन ज़ोर से हंसा तो किशन भी हँस दियाI
रात के आठ बजे पुलिस स्टेशन में अनुज को पी.सी गुप्ता का फ़ोन आता है और वह “ओके सर” कहता हुआ, फ़ोन रख देता हैI तभी अश्विन स्टेशन में दाखिल होता है और जल्दी से एक मीटिंग बुलाता हैI उस मीटिंग में अनुज के अलावा यश, समर और करण मौजूद हैI “आप लोगों को समझ आ गया न कि क्या करना हैI” अश्विन ने उसे पूरा प्लान समझाने के बाद पूछाI “जी सर!! ठीक है, काम पर लग जाएI” उनके जाते ही अनुज बोला, “प्लान तो अच्छा है पर कोई फायदा होगा?” “फ़िलहाल तो यह रोनित ही है जो सम्राट तक पहुंचा सकता है, इसीलिए इसको रंगे हाथो पकड़ना बहुत ज़रूरी हैI”अश्विन ने टेबल पर रखा पेपर वेट घुमाते हुए कहाI “अच्छा गुप्ता का फ़ोन आया था, उसने डिनर पर बुलाया हैI तुझसे मिलना चाहता है, यही से चले या पहले घर जायेगाI?” अनुज ने पूछाI “यही से चलते है, खाना ही तो खाना है, तूने कोमल को बता दियाI” “हाँ अभी-अभी बात हुई हैI”
करीब चालीस मिनट की ड्राइविंग के बाद वे दोनों गुप्ता के घर पहुँचे तो उसने दोनों का स्वागत करते हुए कहा, “अश्विन बहुत सुना था, तुम्हारे बारे में पर कभी मिलना नहीं हुआI” “हाँ सर पुलिस डिपार्टमेंट मुझे कुछ ज्यादा ही बिजी रखता हैI” यह सुनकर गुप्ता हँसने लगा और फिर सभी डाइनिंग टेबल पर डिनर करने बैठ गयाI डिनर के बाद, पीसी गुप्ता ने अश्विन से पूछा,
“तुम्हें क्या लगता है अश्विन, किलर, मर्डर वेपन क्यों क्राइम सीन पर छोड़ता होगा?”
“सर, किलर हमें चैलेंज करता है कि मैं तुम्हें इतना बड़ा क्लू दे रहा हूँ पर तुम फिर भी मुझे पकड़ नहीं पाएI “
“अनुज, हमें कभी उस इंक वाले पेन पर कोई फिंगर प्रिंट्स तो नहीं मिले न ? “
“नहीं सर, मगर हमारे पास एक बहुत ज़रूरी इनफार्मेशन है जो हमें किलर तक पहुँचा सकती हैI “
“गुड!!” अब कुछ देर और बातों का सिलसिला ज़ारी रहा और फिर दोनों गुप्ता से विदा लेकर उसके घर से निकल गएI रास्ते में वह बातें करते हुए जा रहे है कि तभी अश्विन की नज़र अपने पीछे आती एक गाड़ी पर गई तो वह गुस्से में बोला, “बास्टर्ड!!” “क्या हुआ?” अनुज ने पूछाI “कल भी यह गाडी मेरे पीछे लगी हुई थी और आज भी मेरे पीछे लग गई हैI “ “तूने बताया क्यों नहीं?” “ कल मुझे वो ट्रेलर लग रहा था पर अब लग रहा है कि आज यह पूरी पिक्चर दिखाने के मूड़ में हैI” “तो फिर इसका चूहा बिल्ली का खेल खत्म करते हैI” अनुज ने ताव में आकर कहाI “बिल्कुल इसे बता दिया जाए कि इस खेल में बिल्ली हम हैI “ यह कहकर अश्विन ने अगले मोड़ पर गाड़ी मोड़ ली और वह काले रंग की गाड़ी जो उनके पीछे थी, वह भी उसी मोड़ पर मुड़ गईI