Part - 7
किस्मत ने हमें एक बार फिर मिला दिया था। यह हमारी कहानी की एक नई शुरुआत थी। यह पहली बार था जब मुझे ऐसा लगने लगा था कि अब वो भी मुझे पसंद करती है। पूरा दिन बस उसकी क्लास के आस-पास घूमता रहता था और वो भी मुझे ढूंढती रहती थी। हम खूब हँसते थे साथ में। अब तो पूरा स्कूल जानता था हमारे बारे में। बस यह अच्छी बात थी कि यह बात उस वक्त तक प्रिंसिपल तक नहीं गई थी वरना हमारा मिलना बहुत मुश्किल होता। मैं हमेशा बस यही सोचता था कि आखिर प्यार है क्या - क्या उसको चाहना यह प्यार है, या उसके लिए खुद को बदल दिया यह प्यार है, या उसे परेशानी न हो इसलिए उससे दूर हो गया यह प्यार है, या उसको पा लेना प्यार है। यह सब सोचता था पर हमेशा एक ही डर था मेरे अंदर कि अगर उससे नहीं बता पाया तो उसको देखे बिना कैसे रहूंगा उसकी वो स्माइल बहुत याद आएगी। काश मैंने देर न की होती तो शायद मैं आज भी उसको देख पाता। तो कहानी जिस तरह आगे बढ़ी तो मुझे सिर्फ उसके दिल की बात जाननी थी उसके लिए मुझे उससे फिर प्रपोज करना पड़ता। मैंने सोचा था मेरे पास 2 साल हैं पर समय बहुत जल्दी बीत गया। 2019 में हमारा स्कूल का ट्रिप था मैंने डिसाइड किया कि मैं उससे ट्रिप वाले दिन पूछूंगा और सच कहूँ तो मुझे उससे अच्छा मौका मिल भी नहीं सकता था पर मेरे हाथ में कुछ नहीं था। हमेशा की तरह ट्रिप वाले दिन मैंने सुबह उसका इंतजार किया वो आई हमेशा की तरह मुस्कुराई और मैं तो उसकी मुस्कान पर ही फिदा हो जाता था। मैं बस मौका ढूंढ रहा था उससे कहने का। और किस्मत देखो ट्रिप के लिए उसकी क्लास को और मेरी क्लास को सेम बस मिली। मैं बहुत ज्यादा खुश था मुझे लगा आज तो मैं पूछ ही लूंगा। मैं बस में गया और हमेशा की तरह मेरी लास्ट सीट फिक्स थी। रूही मुझसे कुछ सीट आगे बैठी थी पर वो आधे रास्ते के बाद अपनी फ्रेंड के साथ आकर बैठ गई जो मुझसे बस 1 सीट आगे थी। मैं बस एक मौका चाहता था मैं पूरा कॉन्फिडेंट था कि मैं उससे आज पूछ लूंगा। उसने कई बार मुड़कर मेरी तरफ देखा पर हमारी बात नहीं हुई। मैं और मेरे दोस्त गेम खेलने लग गए और वो समय निकल गया। आगे जाकर मैम ने हमारे फोन भी पकड़ लिए क्योंकि ट्रिप पे फोन अलाऊ नहीं थे और हम छुपा कर ले आए थे तो सब बेकार ही चल रहा था। पर वापसी के समय कुछ ऐसा हुआ कि रूही खुद ही मेरे आगे वाली सीट पर बैठ गई। मैं काफी हैरान था। असल में रूही के दिल में क्या था मैं इसी वजह से नहीं समझ पाया वो एक तरफ ऐसा दिखाती थी जैसे वो मुझे पसंद करती है वो दूसरी तरफ वो कुछ ऐसा कर देती थी जिससे मुझे लगता था वो आज भी मुझसे नफरत करती है इस कारण मैं कभी नहीं जान पाया। मेरे क्लासमेट्स में भी रूही बहुत फेमस थी मेरी वजह से तो मेरे क्लासमेट्स भी उससे बात करते रहते थे। वो और मेरे क्लासमेट्स मजाक कर रहे थे और वो मुझसे भी बात कर रही थी। मेरे कुछ दोस्त उसको मजाक में परेशान करते थे और वो उनसे लड़ने लग जाती थी मैं बस उसको देखता रहता था। उसकी और मेरे दोस्त की लड़ाई हो गई इसी बात पर मैंने उसके सामने कह दिया कि "हाथ मत लगाना रूही को वरना देख लेना" और मेरे दोस्त ने उससे ऐसा कह दिया "मैं सिर्फ इसलिए तुझसे कुछ नहीं कह रहा क्योंकि क्षितिज यहाँ है" और वो यह सुनकर हँसने ही लगी उसने कहा "मुझे पता है इसलिए मैं आपसे नहीं डरती"। मुझे यह सुनकर बहुत खुशी हुई कि कम से कम वो मानती है कि मेरे रहते उसको कोई कुछ नहीं कह सकता। हमारी बहुत सारी बातें हुईं उस दिन रूही हमेशा मुझे परेशान करती रहती थी और मैं उसकी हरकतों में ही खुश रहता था। इतना सब होने के बाद रूही ने आगे वाली सीट पर अपना सिर रखा और वो पीछे की तरफ मुझे देखने लगी। मेरी नजर जब उसपर पड़ी तो मानो वहाँ समय रुक सा गया मेरे आसपास वहाँ इतनी देर जो भी हुआ मुझे कुछ याद नहीं हम कई मिनट तक बस एक-दूसरे को देखते ही रहे उसके मुँह पर बस स्माइल थी और मैं तो मानो एग्जिस्ट ही न करता हूँ ऐसा हो गया। मैं बस उसकी आँखों में देख रहा था, उसका वो चेहरा मैं आज भी नहीं भूल सकता। कई मिनट तक देखने के बाद रूही वैसे ही बैठे-बैठे सो गई। मैं तब भी उसको देखता रहा। मेरे मन में बस एक ही खयाल था जो काश मैं उससे बता पाता "जिस दिन मेरी नजरों के सामने तू नहीं होगी रूही वो दिन मेरे लिए जीते जी मरने जैसा होगा काश तू जिंदगी भर मेरे साथ रहे तेरी स्माइल हमेशा ऐसी ही रहे"। मैं ये सब सोच रहा था कि हम स्कूल वापस पहुँच गए। सब इतनी जल्दी हो गया कि मुझे याद ही नहीं रहा कि मुझे उससे पूछना भी था। मैंने उसको उठाया और कहा स्कूल आ गया उठ जा। वो खड़ी हुई और मैं तैयार था उससे पूछने के लिए उसको प्रपोज करने के लिए। मैं उसके लिए चॉकलेट लाया था मैंने वो निकाली और उसको बुलाया वो पीछे मुड़ी और वो समय था जब मुझे उससे कह देना चाहिए था... पर अचानक उसको देखकर समय एक बार फिर से रुक गया मेरी आँखों के सामने वो सब आ गया जो पिछली बार हुआ था। वो समय बिल्कुल वैसा ही था जो 2018 में हुआ था। मुझे उसका वो रोता हुआ चेहरा याद आ गया। मेरा सारा कॉन्फिडेंस ही गिर गया मैं वो सब दोबारा झेल सकता था और मुझे मेरी कोई परवाह नहीं थी पर मैं रूही को दोबारा मेरी वजह से रोता हुआ नहीं देख सकता था। मेरे दिमाग में ये सब चल ही रहा था कि उसने कहा "क्या हुआ बोलो"। और मैं उससे कुछ नहीं कह पाया मैंने बस उसको कहा "मैं तेरे लिए चॉकलेट लाया था"। वो उससे देखकर बहुत खुश हुई और उसने थैंक यू कहा। और उसकी वो स्माइल देखकर मैं वैसे ही सब भूल गया। पछतावा बाद में हुआ कि मैं उससे नहीं कह पाया पर जो डर मुझे महसूस हुआ था वो डर कुछ अलग सा था मैंने हर डर को खत्म किया अपने अंदर के उसके करीब आने के लिए पर मैं कभी उसको खोने का डर दूर नहीं कर पाया मुझे हमेशा यही लगता था कि अगर सब दोबारा वैसा ही हो गया तो मैं उसे एक बार फिर खो दूंगा। पर मैं खुद को तसल्ली यही सोचकर दे देता था कि अभी मेरे पास बहुत समय है मैं किसी दिन कह दूंगा पर समय किसी के लिए नहीं रुकता। वो दिन बीत गया पर बहुत सी यादें दे गया। उस दिन से हमारी नजदीकियाँ और बढ़ गईं। हमारे स्कूल में फिर से एनुअल फंक्शन की तैयारी शुरू हो गई और अब तो हम दोनों पूरा दिन बस एक-दूसरे को देखते रहते थे और समय मिलने पर बात किया करते थे। मैं उसके डांस का इंतजार करता और वो मेरे। कोई कह ही नहीं सकता था कि वो मुझे पसंद नहीं करती। मेरे पास आखिरी मौका उससे पूछने का सिर्फ एनुअल फंक्शन के दिन ही था। एनुअल फंक्शन से एक दिन पहले सभी स्टेज पर प्रैक्टिस करते थे। मैं सिर्फ उसका इंतजार कर रहा था कि वो कब आएगी। और जब वो आई तो उसकी क्लास को बिठा दिया गया मैं उसको देख रहा था और तभी वहाँ गाना बजा "आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हैं हर जुबान पर सबको मालूम है और सबको खबर हो गई है"। और वो मुझे देखकर हँसने लगी मैंने भी मन में कहा "वाह भगवान क्या टाइमिंग है"। वो देखकर सच में दिल को बहुत सुकून मिला। जब उसका डांस हुआ तो मैं जानबूझ कर स्टेज के आगे खड़ा गया। और उसने पूरा डांस मुझे देखते हुए किया मैं भी बस उसको देखता रहा। पर मैं इस बात से अनजान था कि हम पर कोई नजर रख रहा था जिसका मुझे बहुत बाद में पता चला। उसका डांस खत्म हुआ। मुझे लगा मेरे डांस तक वो चली जाएगी पर कमाल की बात थी कि वो भी मेरे डांस के लिए आगे आके खड़ी गई वो भी पूरे डांस के समय देखती रही मुझे बहुत खूबसूरत समय था वो क्या दिन था। डांस के बाद वो मेरे पास आई और मजाक मजाक में जोर से मेरे पैर पर पैर मार दिया। मैंने पूछा ये किस लिए तो उसने कहा "अच्छा डांस था" और मैंने उसको जवाब दिया "तुझसे ज्यादा नहीं"। और हमेशा की तरह हमारी काफी देर बात हुई। मुझे कई बार एक सपने जैसा लगता था कि ये वही रूही है जिससे कभी बात करना भी मेरे लिए सपने जैसा था और आज ये मेरी सबसे अच्छी दोस्त है। वो दिन बहुत अच्छा था। पर एक और समस्या थी जो कुछ दिनों से चल रही थी। उसकी क्लास में एक लड़का था जो मुझे बार-बार किसी न किसी के जरिए ये धमकी दे रहा था कि वो ये सब प्रिंसिपल को बता देगा। असल में मुझे तो कोई डर था ही नहीं पर मैं रूही के साथ इतना बिजी था कि मैं उसकी बात पर ध्यान ही नहीं देता था। मेरे दोस्तों ने उससे कई बार समझाया कि तू गलत जगह पंगा ले रहा है पर वो नहीं माना। मैंने शुरुआत में उसको इग्नोर किया क्योंकि अब इन चीजों की आदत थी मुझे एक बच्चे की धमकी से मैं क्यों डरता। पर उस दिन उसने मुझसे कहा कि आप रूही से दूर रहो वरना मैं प्रिंसिपल मैम को सब बता दूंगा। और मेरा दिमाग हिल गया ये सुनकर। अब एनुअल फंक्शन वाले दिन समय आ गया था उसको ठिकाने लगाने का और रूही को भी प्रपोज करना था। पर एनुअल फंक्शन वाले दिन भी सब उल्टा ही हुआ।