बेखौफ इश्क

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आयाना हमेशा जानती थी कि उसका घर कुछ खास नहीं है। लोग कहते हैं कि अमीर होना और सब कुछ होना खुशियों की गारंटी है, लेकिन उसके लिए यह सच बिल्कुल उल्टा था। उसके पिता, जो बड़े बिजनेसमैन थे, हमेशा बिजनेस में उलझे रहते और कभी भी अपने बच्चों पर ध्यान नहीं देते। उसकी मां, जो अपने आप में ही व्यस्त रहती थी, आयाना की भावनाओं को समझ ही नहीं पाती। केवल उसकी बहन, रूही, ही थी जो हर बार उसकी तकलीफों को सुनती और समझती।

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बेखौफ इश्क - एपिसोड 1

---बेखौफ इश्क – एपिसोड 1आयाना हमेशा जानती थी कि उसका घर कुछ खास नहीं है। लोग कहते हैं कि होना और सब कुछ होना खुशियों की गारंटी है, लेकिन उसके लिए यह सच बिल्कुल उल्टा था। उसके पिता, जो बड़े बिजनेसमैन थे, हमेशा बिजनेस में उलझे रहते और कभी भी अपने बच्चों पर ध्यान नहीं देते। उसकी मां, जो अपने आप में ही व्यस्त रहती थी, आयाना की भावनाओं को समझ ही नहीं पाती। केवल उसकी बहन, रूही, ही थी जो हर बार उसकी तकलीफों को सुनती और समझती।पर यह पर्याप्त नहीं था।आयाना छोटी उम्र से ही खुद्दार और ...Read More

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बेखौफ इश्क - एपिसोड 2

बेखौफ इश्क – एपिसोड 2गहरे जख्म, नई रोशनी: संस्कार की एंट्रीधुप से तपते स्कूल के पास वाले बगीचे में हवा के झोंके थे। आयाना अकेली, बेंच पर बैठी, किताबों से दूर अपनी सोच में डूबी थी। उसके भीतर की दुनिया तो एक तूफान थी, लेकिन वह लोग उसे सिर्फ़ “अकेली और कठोर” लड़की समझते थे। रूही के अलावा किसी की समझ उसे कभी नहीं मिली।तभी वहां एक लड़का आया — संस्कार। वो कोई दिखावटी या चमकीला नहीं था, लेकिन उसकी आंखों में एक अलग-सी गहराई थी, जैसे उसने भी जीवन की हर तकलीफ को करीब से देखा हो। वह ...Read More

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बेखौफ इश्क - एपिसोड 3

बेखौफ इश्क – एपिसोड 3छोटे कदम, गहरे बदलावसर्दियों की सुबह और हल्की धूप में स्कूल की रौनक कुछ बदली थी। आयाना अब पहले से ज्यादा आत्मविश्वास और सुकून से चलती थी। संस्कार के साथ उसकी दोस्ती अब उसकी जिंदगी का सबसे जरूरी हिस्सा बन चुकी थी। दोनों स्कूल पहुँचते ही एक-दूसरे की आँखों में झाँकते और बिना कहे सबकुछ समझ लेते थे।रिश्तों में गहराईआयाना अब संस्कार के बिना अपनी दुनिया अधूरी मानने लगी थी। दोनों लंच ब्रेक में पार्क में बैठकर लंबी बातें करते, सपनों और डर को साझा करते, और कभी—कभी चुप्पी में एक—दूसरे का हाथ थाम लेते।एक ...Read More