Bekhouff Ishq - 18 in Hindi Love Stories by kajal jha books and stories PDF | बेखौफ इश्क - एपिसोड 18

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बेखौफ इश्क - एपिसोड 18

बेखौफ इश्क – एपिसोड 18 खुद की पहचान, नए रिश्ते और जज़्बातों की गहराईआयाना की वेब सीरीज़ का पहला पूरा एपिसोड शूट हो चुका था। सेट पर तारीफें हो रही थीं, पर दिल के जज़्बातों में एक अजीब सी बेचैनी थी। वह जानती थी कि अब कोई वापस नहीं जा रहा—ना संस्कार, ना अनिरुद्ध, और ना ही वह खुद। यह वक्त था खुद के लिए खड़ा होने का, अपनी पहचान बनाने का।नई जिम्मेदारी, नया अनुभववेब सीरीज के फ्लैशबैक सीन में आयाना ने खुद को पूरी तरह झोंक दिया था। उसे पता था कि उसके किरदार के संघर्ष उसकी अपनी जिंदगी से मेल खाते हैं। इस बार उसका अभिनय न केवल उसके प्रति दर्शकों का विश्वास बढ़ा रहा था, बल्कि उससे खुद आयाना के अंदर छुपी ताकत भी बाहर आ रही थी। उसकी आवाज़ में एक नई पक्का जज्बा था, जिसने पूरी टीम को भी प्रेरित किया।दिन के अंत में वह अपने कमरे में बैठी नई स्क्रिप्ट देख रही थी। फोन पर राघव ने फोन किया, “आयाना, तुम्हारा काम कमाल का है। हम साथ मिलकर इस रिश्ते को नई दिशा देंगे। कोई डर नहीं।”आयाना ने जवाब दिया, “राघव, अब मैं खुद से प्यार करना सीख रही हूं। ये रिश्ता भी उसी प्यार की तरह होगा—स्वाभाविक, भरोसेमंद।”संस्कार का संदेशयह खबर संस्कार तक भी पहुंच चुकी थी। संस्कार एक बार फिर शहर आया। उनका मिलना किसी पुराने जज़्बातों को नया मौका देने जैसा था, लेकिन अब सब कुछ बदल चुका था। दोनों पार्क में गुमसुम बैठे थे। संस्कार ने कहा,
“अब अपने सपनों का पीछा करना है, पर तुम्हारे सम्मान के साथ।”
आयाना ने मुस्कुराते हुए कहा,
“प्यार का मतलब अब ये नहीं कि सब कुछ छोड़ दूं। अब मैं अपने लिए भी जीना जानती हूं। पर तुम्हारी याद मेरे दिल में है।”वे जानते थे कि उनका रिश्ता अब किसी दूसरी तरह की दोस्ती और सम्मान का संगम था। दूर होकर भी नज़दीक रहने का एहसास।अनिरुद्ध की नई दुनियाअनिरुद्ध ने भी अपनी राह चुन ली थी। उसने एक नया बिजनेस शुरू किया, अपने ही शहर में। उसकी जिंदगी में अब नई जिम्मेदारियां थीं। जब उन्होंने आयाना से बात की, तो दोनों ने सपनों की परवाह करते हुए कहा कि दोस्ती उनकी सबसे प्यारी निशानी है।परिवार की मजबूतीरूही की स्कॉलरशिप मिली तो घर में खुशी का माहौल छा गया। पिता की तबीयत धीरे-धीरे बेहतर हो रही थी, और माँ का हौसला भी शिखर पर था। आयाना ने परिवार को संभालने में अपना किरदार निभाना शुरू किया। उसके इस समर्पण और प्यार ने घर को फिर से एकजुट किया।उसने अपनी माँ से कहा, “माँ, हर बार जब कुछ मुश्किल आता है, तो हम उससे लड़ते हैं। और जीतते भी हैं।”माँ ने गर्व से कहा, “बेटा, यही तो तुम्हारी ताकत है।”राघव के साथ नयी शुरुआतराघव ने आयाना को एक रोमांटिक डिनर डेट पर बुलाया। उस रात दोनों ने अपने रिश्ते के नए नियम बनाए—सबसे पहले खुद से प्यार, फिर एक-दूसरे से। वह चाहते थे कि यह रिश्ता प्रेम, विश्वास और सम्मान से भरा हो। आयाना को यह नया सफर अच्छा लग रहा था।राघव ने कहा, “अब हम बिना किसी दबाव के, बिना किसी उम्मीद के, बस साथ चलेंगे।”आयाना मुस्कुराई, “जैसे दो साथी जो जिंदगी को दोस्ती और प्यार से जीते हैं।”अपने लिए मजबूत खड़ीआयाना ने अपनी डायरी में लिखा,
“अब मैं अपनी खुशियों की रचयिता हूँ। किसी के लिए या किसी की वजह से नहीं, बल्कि सिर्फ अपने लिए।”उसने अपने अंदर की ताकत को महसूस किया। अब वह किसी और की छाया में नहीं, खुद के तेज़ रोशनी में जीना चाहती थी। उसके सपनों को उड़ान मिली थी।पुनर्मिलन की उम्मीदसंस्कार ने पार्क के उस बेंच पर आयाना से कहा,
“तुम मेरे दिल की खास जगह हो, पर अब यह सफर अलग होगा।”आयाना ने कहा,
“यह सफर खत्म नहीं, एक नया अध्याय है।”चांदनी रात में वे दोनों नई उम्मीदों के साथ अलग हुए। दोनों जानते थे कि जिंदगी ने उन्हें बेखौफ इश्क की नई परिभाषा सिखा दी थी।