हम अपनी मर्जी से लाइफ जी सकते है
हंसना मुस्कुराना मोज मस्ती कर सकते है
कौन कहता है कि तुम हसो मत ..
कौन कहता है कि अपने मर्जी से लाइफ जियो मत।
लेकिन किसी का दुःख समझ नहीं पाते तो
उसे बढ़ाओ तो नहीं..
किसी को सम्मान नहीं दे सकते तो
कोई बात नहीं पर उसका अपमान तो मत करो।
किसी को जाने बिना दूसरों की बातों पर यकीन
कर के उस शख़्स को गलत समझना ये सही बात
नहीं।