Hindi Quote in Poem by नंदलाल मणि त्रिपाठी

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शिव महिमा और सावन--

शिव महिमा का सावन
शिव तत्व महत्व का सावन
सावन के दो रूप जैसे
शिव स्वरूप एक सावन!!

मनभावन हरियाली
खुशहाली झूला
मेंहदी सखी पिया मिलन
हसीं ठिठोली जीवन आनंद
मंगल शिव समरस दूजा न
कोई सावन!!

विकट विकराल
रौद्र रूप जैसे
खुला शिव त्रिनेत्र
समय सावन!!.

कही हसीं ख़ुशी
मुस्कान पिया बदरा
बरसात सुहाना सावन!!

सुंदर सुगंध मंद
पवन शीतल चाँद
चांदनी अँधियार
उजियार जैसे जिंदगी कि
फुहार बाहर सावन!!

भाई बहन रिश्ता
पावन रक्षा बंधन पर्व
हर्ष हर्षित देश समाज
सावन!!

सोमवार उपवास
शिव शंकर भोले
अभिषेक!!

शिवालय मे जन जन
बोले स्वर आवज एक
गुजे अविनी आकाश!!

हर हर महादेव
जय जय शिव शंकर
बोल बम बोल बम
जै जै श्री महाकाल
ॐ नमः शिवाय!!

सावन कही सुहाना
सावन कही रोअना
गोरी छोरी प्रेम व्यवहार
पिया सुहागन प्रियतम
प्रेयशी भाव भवना!!

तूफान उफान ज्वार गुबार
सावन बाढ़ विभीषिका
विखरल घर दुआर उजड़ल
चमन खेती बारी चौआ
चूरूँग गए बह बिलाय!!

गांव के गांव जैसे
वीरान श्मशान हरियाली
खुशहाली के नहीं नाम
निशान!!

चाहूँ ओर जल ही जल
जैसे द्वीप टापू उजड़ल
गांव महाप्रलय काल के
कोप जैसे दंड महापाप!!

सुख दुःख ख़ुशी गम
जन मन के सावन
हरियाली खुशलाली
बाहरफुहार!!

बौछार सावन वर्वादी
दर्द दंश दंड प्रासच्चचित
कर्म धर्म प्रधान सावन!!

शिव उद्भव विनाश विकास
प्रकाश देव दानव द्वय
आराध्य सावन कही ख़ुशी
कही गम निहितार्थ सावन!!

शिव सावन जन्म जीवन
एक समान दुःख सुख
अनुभूति अनुभव के
सत्यार्थ!!

आत्म बोध चिंतन विचार
जीवन व्यवहार आचरण
आत्ममंथन शिव बोध जन्म
जीवन महिमा महत्व सावन!!

शिव सावन जन्म जीवन
आत्मा परमात्मा ईश्वर
बोध समान सावन!!

आत्म बोध शोध सत्य
जन्म जीवन काल चक्र
पथ पड़ाव सावन!!

आत्म शुद्धि मन बुद्धि
प्रवृति चंचल चित्त नियंत्रण
शिवसावन!!

युग जीवन साध्य साधना
आराधना यज्ञ अनुष्ठान ध्येय
ध्यान अंतर्मन सावन!!

शिव सत्य जीवन तत्व
कर्म धर्म मर्म आत्म चिंतन
मंथन महत्व का सार सत्यार्थ.
सावन!!

बारह मास का वर्ष
छः ऋतुए मौसम चार
शिव आराधन आत्म तत्व
सत्य बोथ आत्म मंथन का
सावन मास!!

सात्विक जीवन आहार
अर्घ आराधना नियति नेक
शिव मंगल गान!!

अभिषेक आराधना शांत
चित्त सांयमित संतुलित
विशुद्ध सात्विक जीवन
व्यवहार!!

सावन आत्म मंथन
आत्मा ईश्वर सत्य सद
चरित्र निर्माण निर्विवाद
निर्विकार सावन!!

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश!!

Hindi Poem by नंदलाल मणि त्रिपाठी : 111990979
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