माँ
माँ तेरी ममता बड़ी महान।
तेरे ह्रदय में सारा जहान।।
माँ तुम याद करती हो मुझे हर पल।
तेरी दुआ से ही ही तो मिलता है मुझे बल।।
माँ बचपन में ही तूने मुझमें डर दूर किया।
लेकिन तुम्हारे दिल से न निकलेगा कभी।।
माँ तू संभालती मेरे सारे हर दर्द।
माँ की आँखों से देखकर ही बढ़ता हूँ मैं आगे।।
मेरी हर परेशानी को खुद अपने गले लगाया।
माँ मेरा सुख दुःख तेरा हुआ दुःख गया हुआ।।
तुम्हारे स्वर्ग से ही घर स्वर्ग होता हर घर जाता है।।
मन जन्नत मिले या न मिले कोई शिकवा नहीं, न गिला।
मैं रहूं खुशनसीब माँ जो मुझे तेरा प्यार मिला।।
माँ तू इतनी प्यारी, पावनधारा है यह कैसे बताऊँ।
माँ तेरी ममता लफ्जों में बयां तो करता,लेकिन वो लफ्ज कहां से लाऊं।।
- बृजेश कुमार
jnb