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Meera Singh

Meera Singh

@meerasingh3946


वो खुश है किसी और के संग
मै खुद को समझाऊ कैसे
वो मेरा है पर मेरा नही
मैं दिल को मनाऊ कैसे
हजारों दफा मोबाइल में टाइप कियाउसका नम्बर
मगर मैं उसे फोन लगाऊ कैसे
कभी जहाँ साथ में दो पल बिताए थे
वही से उसे याद किए बिना गुजर जाऊँ कैसे
दिल चाहता है उसे गले लगाकर रो लूँ
पर वो किसी और का है मैं ये भूल जाऊँ कैसे
उसके नाम का पासवर्ड लगाकर रखा है मोबाइल में
वो मैं सबको बताऊँ कैसे
वो किसी और का हो बैठा है
मैं ये मन को समझाऊ कैसे
जो दर्द उसने दिया मुझे
मैं भी वही दर्द उसे दे जाऊँ कैसे
मैं किसी और की हो जाऊँ कैसे
जिन आंखों से देखे है ख्वाब उसके
उन पलकों को मैं झपकाऊ कैसे
मैं खुद को समझाऊ कैसे।।

मीरा सिंह

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Hey

HEY

बेइंतहा मोहब्बत की है मैनें तुम्हें
ये जानते हुए भी की तुम किसी और के हो चुके हो

मेरे दोस्त

तुझसे हारी नही हूँ जिन्दगी
बस थोड़ा थक सी गई हूँ
अगर मै हार गई होती तो
तुझे कब का छोड़ देती।।

मीरा सिंह

ये पलके है खामोशी की चादर ओढ़
जरा इनको उम्मीद की धूप दिखा दो
तुम्हें यादकर के मैं बहुत उदास हूँ
तुम भी मुझे सोचकर मुस्कुरा दो
जिस जिन्दगी में तुम्हारे सिवा मांगा ही क्या था
मेरे साथ खडे होकर मेरी जिन्दगी को जन्नत बना दो
अब तो एक बार
तुम भी अपना हाथ बढा दो
हर रोज गुजरते हो तुम मेरी ही राह गुजर से
एक बार ही सही अपनी एक झलक दिखा दो
दिखावे के लिए ही सही
एक बार मुझे गले से लगा लो
तुम भी मुझे सोचकर मुस्कुरा दो।
मीरा सिंह

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मोहब्बत के इम्तिहान में मै हर बार फेल हुई
क्योकि मुझे उसकी याद के सिवा कुछ आता ही नही था।
और वो किसी इम्तिहान में फेल नही हुआ
क्योकि उसे लोगो के जज्बातों से खेलना बखूबी आता था।।

मीरा सिंह

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भीड-भाड के इलाके में
वो खामोशी सी चलती है
मन में है लाखों उलझन
पर किसी से कुछ न कहती है।
किसे बताये किसी सुनाए
ये प्रेम की जो कहानी है
कही वो भी बदनाम न हो जाए
जिसकी इज्जत की ठानी है।।
उसकी खुशियों की खातिर मैनें
खुद को यूँ बदनाम किया
उसे मिले सम्मान सदा
वो जिसका जीवन साथी है।।
मीरा सिंह

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उसने मुझसे हँसकर कहा
कहो कि हाल कैसा है।
तो हमने भी मुस्कुराकर कह दिया
जैसा तुम छोड़कर गये थे।।