गुरु शिष्य रिश्ता
गुरु–शिष्य का ऐसा रिश्ता,
दूर न इनको होने देता।
बात गुरु की जो मानेगा,
निश्चित ही सफलता पाएगा।
डाँट गुरु की जो सहेगा,
जीवन में कुछ खास करेगा।
अज्ञानता को हरने वाला,
जीवन को राह देने वाला।
शंकाओं को दूर भगाकर,
आगे हाथ बढ़ाने वाला।
खुद जलकर शिष्य उजागर करने वाला,
मैं तेरे चरणों में शीश झुकाता हूँ।
— ब्रजेश कुमार
जवाहर नवोदय विद्यालय
- Brajesh kumar