मैं लौटूंगी तुम्हारे पास ,
वो नन्हा फूल बनकर
जो इक सुबह तुम्हारे आँगन में खिलेगा,
अपनी खुसबू से सबको महका देगा !
मैं लौटूंगी तुम्हारे पास ,
वो नन्हा पौधा बनकर
जो हर पल तुमको ठंडी छाँह देगा !
मैं लौटूंगी तुम्हारे पास ,
तुम्हारी नन्ही बेटी बनकर
जिसकी किलकारियों से तुम्हारा आँगन गूँज उठेगा !
मैं लौटूंगी तुम्हारे पास ,
वो नन्हा तारा बनकर
जो तुम्हारी हर दुआ पूरी करने टूट जाया करेगा !
मैं लौटूंगी तुम्हारे पास ,
बारिश की वो पहली बूंद बनकर,
जो तुम्हारी रूह को भिगो देगी !
मैं लौटूंगी तुम्हारे पास ,
सूरज की पहली किरण बनकर
और तुम्हारे जीवन में उजाले भर दूंगी !
मैं लौटूंगी तुम्हारे पास ,
हर उस रूप में
जो तुम्हें जीने की वजह देगा !
हर युग,
हर जन्म,
तुम्हारे लिए...
सिर्फ तुम्हारे लिए !
~ पूजा