तुम्हारे लिए एक किताब लिखी है,
तुम पढ़ोगी क्या?
उसमें अपने दिल के एहसास लिखे हैं,
तुम महसूस करोगी क्या?
मैं तुमसे इज़हार करना चाहता हूँ,
जैसा आज तक किसी ने न किया हो।
वैसा प्यार करना चाहता हूँ,
बस डरता हूँ तुम्हारे इनकार से...
जो आज तक मुझे न मिल सका,
शायद उस प्यार से...
मोहब्बत में ग़ज़लें लिखी जाती हैं,
और अमीरों में अशर्फ़ियाँ दी जाती हैं।
पर मेरे पास तो कुछ भी नहीं...
मुझे ऐसा क्यों लगता है,
कि मैं प्यार के क़ाबिल ही नहीं?
शायद मैं किसी का दिल नहीं...
या फिर...
मैं तेरे क़ाबिल नहीं।