तेरी झील सी आंखो में मेने ये पैगाम देखा हैं
तेरे साथ गुजारे हर पल को सुबह शाम देखा हैं
और कोन कहता हे की बिछड़े हुए लोग मिलते नही
मेने बिछड़े हुए लोगो को मिलते सरेआम देखा हैं
बारिश के मौसम में बादलों में गड़गड़ाहट आ,ही जाती हैं
और सुना है मेने लोगो से की गरजते हुए बादल बरसते नही
मेने गरजते बादल को बरसते हुए खुलेआम देखा हे