संभल के रहेना इन कातिल निगाहो से,,
गर मिल गई एकबार तो बच ना पाओगे।
गहेराई इन निगाहों की नाप ना पाओगे,,
कोशिश भी मत करना वरना डूब जाओगे।
समंदर से डूब के निकल भी पाओगे,,
इन निगाहो मे डूब के कैसे निकल पाओगे ?
वैसे तो पहेरा हे काजल का निगाहो मे,,
तोडा जो पहेरा तुम भी गहेराई मे समा जाओगे।
समझ लो इशारे इन निगाहो के जनाब,,
इनमे शरारतें सिर्फ आपके लिए ही पाओगे।
अमी....