पिता का साया
एक घने बरगद की पेड़ की तरह होता है।
जो अपने बच्चों को गर्मी धूप बरसात
सबसे बचाता हो।।
मगर जताता कभी नही
दिखाता कभी नही।
दिखता है तो सिर्फ
उसका गुस्सा डांट ।।
वो भी हँसता है
बच्चों की शरारतों पर
पर वो उनके सामने
मुस्कुराता नही है।।
जीवन की हर तकलीफ से दूर रखता है
अपने बच्चों को वो।
मगर उसक श्रेय
कभी उसको जाता नही है।।
इक पिता ही है जो अपना प्यार
कभी जताता नही है।।
मीरा सिंह