किसी ने मुझे मेरी औकात दिखा दी।
जब मैंने मांगा था सिर्फ कुछ ऐसा जिसकी किमत कुछ भी नहीं।
मुझे समझ अब आ गया कि कहां और कैसे गलत थी मैं समझ रही थी प्यार जिसे वो तो कुछ और ही था।
अच्छा हुआ कि समय से पहले सम्हल गई।
कल मांगा कुछ ऐसा तो मुझे मेरी औकात दिखा दी।
ऐसा तमाचा दिया उसने कि रात भर सो न सकी।
जिसके लिए सबकुछ खोने को तैयार थी।
उसने मुझे मेरी औकात दिखा दी।
Outsider humesha outsider hi hota hai