my dear beautiful wo tumse बेहतर है ये सोचना छोड़ दो ये तुम्हारे लिए....
कोई खूबसूरत या बदसूरत होता ही नहीं है ये तो दिखने की बाते है सुकून तो, जो जैसा है उसी में ही है । न मेरी आंखों जैसी किसी की आंखे है न मेरी हँसी न वो चेहरा में अलग हु । हो सकता है कोई मुझसे अच्छा दिखता हो पर वो मेरे जैसी तो बन ही नहीं सकती । केवल चेहरा बस तो मेरी पहचान नहीं है मैं तुमसे कैसे मिलती हु कैसी बाते करती हु तुम्हे कैसा महसूस कराती हूँ उसकी बराबरी कोई कैसे कर सकता है कोई भी किसी से कम ज्यादा हो ही नहीं सकता ।