Quotes by Hemant Parmar in Bitesapp read free

Hemant Parmar

Hemant Parmar

@hemantparmar9337


कभी कबार ना आपको पता भी नही होता है वो किस वजह से बात बंद हो जाती है
और आप follow भी कर रहे हो एक दूसरे को
और आप बात भी नही कर पा रहे हो
खामखा बाते बंद कर दो
और उस इंसान से नफरत भी ना हो
तो बड़ा दुख होता है...💔

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अपनों से तुम्हें फुर्सत मिल जाए
तो मुझ से बात करना
जब सब से तेरा दिल भR जाए
तो मुझ से बात करना
तेरे नये चाहने वाले दिल तेरा दुखाए
तो मुझ से बात करना
छोड़ दिया मुझे जिस के लिए वही तुम्हें छोड़ जाए
तो मुझ से बात करना
मन बेचैन हो तेरा दिल कहीं सकून ना पाये
तो मुझ से बात करना...💞

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मैंने आपके चेहरे से नहीं
आपके दिल से मोहब्बत की हैं...
मन कैसे भरेगा हमारा।
हमने जिस्म से नहीं आप की रूह से मोहब्बत की हैं...💞

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ऐसा क्या लिखूं
जिसे पढ़ कर
तुम्हें ये अहसास हो
कि...
बिछड़ कर भी
तुम मेरे कितने पास हो
न जाने
किस अंजान खता की
सज़ा देते हो दूर जाकर
भला क्या खुशी मिल रही है
मुझे इस तरह आजमाकर
चलो खुश हो अगर तुम तो
तुम्हारी खुशी को हम
सर आंखों लगाते हैं
तुम पर लिखी हर शायरी
आज दरिया में बहाते हैं...💞

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जिस शख़्स से गिला है उससे ही प्यार क्यूं है
मुझको उसी बशर का अब इंतज़ार क्यूं है

उसके बगैर सूनी लगती है दुनिया मुझको
होता उसी से मेरा दिल खुशगवार क्यूं है

जिसने कभी तो कोई वादा नहीं निभाया
नादान दिल को उस पर फिर ऐतबार क्यूं है

खोयी रहूं सदा मै उसके ख़याल मे ही
ये हर घडी ही मुझको उसका खुमार क्यूं है

वैसे तो सारी दुनिया कितनी है खूबसूरत
सिमटा हुआ उसी तक मेरा दयार क्यूं है

नीलम वो बेवफ़ा है यह जानती हूंँ फिर भी
ये दिल उसी की खातिर अब बेकरार क्यू है...💞

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" मुझे मालूम है कि वो नहीं मिलेगा मुझे...

" उसे मालूम है कि मुझे इश्क है उससे ...🥀🤎

खुद को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना एक तनावमुक्त जीवन देता है।हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है उसका आनंद लीजिये,
बाल रंगने है तो रंगिये,
वज़न कम रखना है तो रखिये,
मनचाहे कपड़े पहनने है तो पहनिए,
बच्चों की तरह खिलखिलाइये,
अच्छा सोचिये, अच्छा माहौल रखिये,
शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये।

कोई भी क्रीम आपको गोरा नही बनाती,कोई शैम्पू बाल झड़ने नही रोकता,कोई तेल बाल नही उगाता,कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नही देता। चाहे वो प्रॉक्टर गैम्बल हो या पतंजलि,.सब सामान बेचने के लिए झूठ बोलते हैं।

ये सब कुदरती होता है,,उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बॉलों तक मे बदलाव आता है,पुरानी मशीन को Maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं,पर उसे नई नही कर सकते,,ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी मे नीम,किसी क्रीम में केसर नही होती,क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 400 रुपए से कम की नही होती !

कोई बात नही अगर आपकी नाक मोटी है तो,कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं तो,कोई बात नही अगर आप गोरे नही हैं या आपके होंठों की shape perfect नही हैं,.फिर भी हम सुंदर हैं,अपनी सुंदरता को पहचानिए।दूसरों से कमेंट या वाह वाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है,अपनी सुंदरता को महसूस करना।

हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है कि वो छल कपट से परे मासूम होता है और बडे होने पर जब हम छल व कपट से जीवन जीने लगते है तो वो मासूमियत खो देते हैं और उस सुंदरता को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं।

मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।
पेट निकल गया तो कोई बात नही उसके लिए शर्माना ज़रूरी नही।आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता बढ़ता है उसे समझिये।

सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है,
यह खाओ, वो मत खाओ
ठंडा खाओ, गर्म पीओ,
कपाल भारती करो,
सवेरे नीम्बू पीओ,
रात को दूध पीओ
ज़ोर से सांस लो, लंबी सांस लो
दाहिने से सोइये ,
बाहिने से उठिए,
हरी सब्जी खाओ,
दाल में प्रोटीन है,
दाल से क्रिएटिनिन बढ़ जायेगा।
अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ने लगें तो पता चलेगा,ये ज़िन्दगी बेकार है ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को !! आप डिप्रेस्ड हो जायेंगे।

अरे! अपन मरने के लिये जन्म लेते हैं,
कभी ना कभी तो मरना है अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नही हुआ, हर चीज़ सही मात्रा में खाइये,
हर वो चीज़ थोड़ी थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है।

*भोजन का संबंध मन से होता है,और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है,मन को मारकर खुश नही रहा जा सकता,
थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिए,
टहलने जाइये,
लाइट कसरत करिये,
व्यस्त रहिये,
खुश रहिये,
शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये...🙏🙏🙏

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Suno....

तुमको पता है न
बंधनों के कई रूप होते है...
जैसे...

सात फेरो का बंधन...
सात जन्मों का बंधन....
जन्मों जन्मों का बंधन..

ये बंधन सामाजिक रस्मो रिवाजों
से बंधे होते है
पर एक और बंधन होता है......
मन से मन का बंधन...
आत्मा से आत्मा का बंधन
दिल से दिल का बंधन

शायद इस बंधन में
कोई अग्नि साक्षी नहीं ,
हवन नहीं, कोई सात वचन नहीं
पर सबसे निकट सबसे अलग है

यहां न तो किसी को
बांधने की चाहत होती
न छूटने का मन...

बस ऐसा ही होता है
मन से मन का बंधन.....
जहां बिना स्वार्थ
बिना लालच के
एक दूसरे से बंधे होते.....
और निभाना चाहते है
ख़ुद कि इच्छा से.....💞

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तुम चाहो तो, रात भर रखो अपनी बाहों में,
आज मसला नींद का नहीं मेरे सुकून का है...💞