✤┈SuNo ┤_★_
तुम्हारी कसम पता ही न चला कब
ज़िन्दगी बदल गयी,
इन तरसती आँखों को तुम्हारी
जरूरत पड़ गई,
महसूस करता हूँ मैं अपने हाथों में
तुम्हारी नरमाई, तुम ही हो मेरी हर
बात की गहरायी,
तुम्हारी कसम हर आहट न जाने
क्यों देती है तुम्हारी दस्तक,
तुम्हारे ही लिये इन्तज़ार में बैठा हूँ
मैं अब तक,
तुम ही हर रात आ जाती हो सपनों
में, कैसे बतलाऊं अब बस तुम ही
हो मेरे अपनों में,
तुम्हारी कसम ये दिल तुम्हारे लिए
ही धड़कता है
तुम्हारा न आना इस ज़ख्मी दिल
को अखरता है,
तुमसे ही अब ये दिन, ये रातें हैं
तुम्हारी कसम तुम्हारे बिन हर पल
मुझको काटे हैं,
न रोको मुझे अब तो पास बुला
लो" इस सफर का अपना साथी
मुझे बना लो..🔥
@LoVe_AaShiQ_SinGh
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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