डॉ. विनोद प्रसून जी द्वारा रचित कविता
*बाल दिवस पर देश के बच्चों के नाम.......*
बाल दिवस है प्यारे बच्चो, तुम्हें बधाई मन से।
भरकर रखना अपनी दुनिया, निश्छल अपनेपन से।।
सदा खिलो तुम पुष्पों जैसा, नभ जैसा यश फैले।
पंथ कठिन है, चलो सँभलकर, भाव न होवें मैले।।
क्या अच्छा है और बुरा क्या इसका ज्ञान तुम्हें हो।
अच्छे और बुरे स्पर्शों की पहचान तुम्हें हो।।
अच्छे और बुरे लोगों का अंतर तुम्हें पता हो।
करे परेशाँ तुमको कोई, झट यह बात बता दो।।
अबे-तबे से प्यारे बच्चो बात नहीं तुम करना।
मन के शब्दकोश में पावन शब्द हमेशा भरना।।
कमरे औ' मोबाइल तक यह बचपन सिमट न जाए।
बालसुलभ ले बातें मन में, हर बच्चा मुस्काए।।
आभासी दुनिया है झूठी, असली दुनिया जानो।
लंबी फ़्रैंड लिस्ट से पहले, अपना घर पहचानो।।
उचित हो जितना, उतना ही बस फ़ोन उठाया जाए।
वक़्त बचे जो बाक़ी उसको नहीं गँवाया जाए।।
ध्यान लक्ष्य पर रखकर नित आगे बढ़ते जाओगे।
ऐसा करके जीवन में तुम कभी न पछताओगे।।
तुमपर है विश्वास दी गई सीख सदा मानोगे।
बदले-बदले युग में अपना बचपन पहचानोगे।।