तेरे एतबार पर मुझको एतबार था,
दिल को सनम तुम्हारा इंतजार था।
वह इश्क ही नही, था इबादत मेरी ,
तेरे वादों पर यांरा मुझको करार था।।
गमों की घटाएं दरम्यां जब घिरने लगी,
रिश्तो में कसक अपने कोई दरार था ।
दिल को लगन लगी थी दोनों तरफ से
सदियों की चाहतें- दिल बेकरार था ।
क्या खता थी मेरी तू जो रूसवा हुआ,
'प्रकाश' जमाने को मिलन नामंजूर था।
नमिता 'प्रकाश'
18/7/2021
-Namita Gupta