स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाने मे 3000 करोड़ तक रुपए खर्च किए जा सकते है सिर्फ इसलिए ताकि बाकी देशों में जो सबसे बड़ा स्टेच्यु है उससे आगे हमारा देश भारत हो जाए और सरकार की तिजोरी मालामाल रहे..और बोला जाता है सरदार पटेलजी के मान में बनाया गया है यह.. सरदार साहब जिंदा होते तो वे खुद इस स्टेच्यु बनाने के खिलाफ और किसानों को मदद मिले उसमें पैसे अपने हाथ से खर्च कर देते..हमारे मोदी साहब हर एक देश में प्रवास कर चुके है..उन्हें तो पता ही होगा बोलना तो नहीं चाहिए लेकिन बोलना पड रहा है कि दुसरे देश के भिखारी भी हमारे देश के किसानों से ज्यादा कमाई कर लेते है एक दिन में..अब सहाय करेंगी सरकार क्यूंकि मजबूर है वो लेकिन हर साल किसानों कि यही हालत होती है जब बाजार में बेचने जाते है अपनी फसल..तब सरकार को दया नहीं आती क्या
भारत में शायद 15 करोड़ किसान होंगे जिसका खर्च 3000 करोड़ से तो कम ही होगा अगर हर साल उनकी सही से जो मदद कि जाए उनकी फसल के उनकी मेहनत से ज्यादा अगर दाम दिये जाएं तो अगर ऐसी कोई आपत्ती आ जाएं तब किसानों को इतनी तो उम्मीद रहे कि पिछले साल सरकार ने जो मदद कि थी वो इस पुरे साल हमें मजबूत बना रखेंगी