ज्योतिषियों के अलग-अलग रूप
क्या आप जानते हैं कि ज्योतिषी (Astrologers) भी कई तरह के होते हैं? इस लेख में हम आपको ज्योतिषियों के तीन मुख्य प्रकारों से परिचित करा रहे हैं,
(१) उपाय आचार्य (Remedy Specialists)
यह ज्योतिषियों का सर्वाधिक लोकप्रिय रूप है।
* मुख्य कार्य: कुंडली में दोष (flaws) खोजकर उनके लिए उपाय (remedies) बताना।
* दोषों के उदाहरण: ये ज्योतिषी मुख्य रूप से ग्रहण दोष, पितृ दोष, काल सर्प दोष, मांगलिक दोष आदि जैसे कई योगों और दोषों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
* किससे डराया जाता है: आजकल शनि, राहु, केतु, मंगल और १, ६, ८, १२ घरों में बैठे पापी ग्रहों से डराया जाता है। कभी-कभी अनैतिक संबंध के योग से भी डराया जाता है।
* उपायों में क्या दिया जाता है: ये टोने-टोटके, यज्ञ, पूजा, हवन, रत्न, जड़ी, उपरत्न, रुद्राक्ष आदि बेचते हैं या इनका सुझाव देते हैं।
(२) भविष्य दृष्टा (PREDICTORS)
इन्हें सटीक भविष्य कथन के लिए जाना जाता है और ये सही मायने में एक मार्गदर्शक होते हैं।
* मुख्य कार्य: क्लाइंट को सही भविष्य बताना। इनका काम समय और परिस्थिति का आकलन करना है।
* सलाह का क्षेत्र: ये बताते हैं कि शादी, बच्चे, विदेश योग, नौकरी, अभ्यास, व्यवसाय में प्रगति कब होगी या आने वाला समय कैसा रहेगा।
* उपायों से दूरी: ये ज्योतिषी उपाय देने से बचते हैं और उपाय बेचने या देने को प्राथमिकता नहीं देते।
* कार्य का आधार: ये सचेत (warn) करते हैं और कर्म (action) के आधार पर प्रगति का सूचन करते हैं। ऐसे ज्योतिषी बहुत कम होते हैं।
(३) आध्यात्मिक योगदृष्टा (SPIRITUAL SEEKERS)
ये ज्योतिषी उपाय देने या भविष्य कथन करने से बचते हैं। इनका भौतिक जगत से कोई संबंध नहीं होता।
* मुख्य कार्य: कुंडली के आधार पर आपको आध्यात्मिक उन्नति और योगिक समाधि का मार्ग बताना।
* उपदेश: ये प्राकृतिक वृत्तियों के ऊर्ध्वगमन की बात करते हैं और जीवन में स्थिरता, शांति और ठहराव लाने पर जोर देते हैं। ये समत्व भाव और स्थितप्रज्ञता का उपदेश देते हैं।
* प्रभाव: इनसे मिलना या इनका मिलना जीवन में बड़े बदलाव का सूचक हो सकता है।
आपका अनुभव
आपने किस प्रकार के ज्योतिषी से सलाह ली है और आपका अनुभव कैसा रहा है? हमें कमेंट्स में बताएं!