उसका मासूम चेहरा,
सौ- सौ फरियाद लगाता रहा।
भूखा - प्यासा था वो शायद,
इसलिए अपने आंसूओं से भूख मिटाता रहा।
तकलीफ थी उसको बहुत,
सो चेहरे से दिखाता रहा।
किसको कहता वो बेचारा,
सो खुद ही आंसू बहाता रहा।
सोने को फुटपाथ और
खाने को धिक्कार पाता रहा।
तन ढ़कने को कुछ मिला ही नहीं
बस एक फटी सी कतरन में ही खुद को छुपाता रहा।
- vrinda