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🌺 महिला की छुपी हुई शक्ति 🌺
चुप रहती है, पर सब जान जाती,
आँखों से ही दिल की बात पहचान जाती।
दर्द सहकर भी मुस्कान बाँटती है,
अंधेरों में भी उजाला रचती है।
उसकी शक्ति दिखती नहीं, पर रहती है भीतर,
हर तूफ़ान को मोड़ देती है मुस्कुराकर इधर।
एक साथ हज़ार काम सँभाल लेती है,
थकान को भी हौसले से ढाँप लेती है।
वो केवल माँ, बहन, बेटी या पत्नी नहीं,
वो सृष्टि की धड़कन है, वो रूहानी ज्योति है कहीं।
महिला की शक्ति है असीम, अडिग और गहरी,
उसके बिना अधूरी है यह दुनिया ठहरी।