“माँ माँ माँ
तुम बसी हो कण कण अंदर माँ,
तुम बसी हो कण कण अंदर माँ,
हम ढूँढ़ते रह गये मंदिर में,
तुम बसी हो कण कण अंदर माँ,
हम ढूँढ़ते रह गये मंदिर में,
हम मूढ़मति हम अनजाने,
हम मूढ़मति हम अनजाने,
माँ साथ तुम्हारा क्या जाने,
तुम बसी हो कण कण अंदर माँ,
हम ढूँढ़ते रह गये मंदिर में...
🙏🏻
- Umakant