हम तो ठहरे बगिया के माली
कलियाँ मुरजाये या महेके
ये उपरवालेकेी मर्ज़ी
हमें तो सिर्फ़ नीगेबानी करनी है
हार ओर जीत ये तो मुक़द्दर का फ़ैसला
हमें तो सिर्फ़ कोशिश करनी है
कोशिश करनेवाले की
कभी हार ना होती
रात ओर दीन उनके हाथ
जिसने ए जहाँ बनाया
हमें तो सिर्फ़ शीश जूकानाहै
नमन में ही हमारी ख़ुशी है
ज़िंदगी ओर मोत
उपरवालेके हाथ
ना ज़्यादा ना कम
जीतनी तुम लीखाके लाये