इस जहां की दो बड़ी बीमारी,
एक मोहब्बत, दूसरी नौकरी सरकारी।
एक कर के बर्बाद हो रहे थे लोग,
हमने दोनों कर डाली — हम पे तो खुदा भी हैरान भारी।
मोहब्बत में मिली seen वाली सज़ा,
सरकारी नौकरी में “Pending” हर मज़ा।
दोनों में ही लगी फाइलें दिल की,
एक ने reject किया, दूसरी ने hold कर दिया जिन्दगी।
अब इश्क़ में दिल नहीं, और दिमाग़ नौकरी में नहीं,
संडे को भी लगता है कि ऑफिस खुला कहीं!
सोचा था Hero बनेंगे मोहब्बत के मैदान में,
निकले Peon सरकारी सिस्टम के भान में।
कभी सोचा था ज़िंदगी होगी romantic सी web series,
पर निकली सरकारी मेल पर फंसी boring सी theories।
पहले सोचते थे शादी करेंगे बचपन के प्यार से
अब सोचते है इंक्रीमेंट मिलेगा इस बार सरकार से
दोनों जगह लगा है दिल से investment,
पर return मिला सिर्फ़ “mental harassment”!
सोचते हैं Himalaya निकल जाएं छोड़ के ये दुनियादारी,
पर उधर भी सिग्नल नहीं... और इधर भी छुट्टी नहीं सरकारी