सारी उमर एक पिता ने घर को घर बनाने की कोशिश की...............
पर न जाने जब उसके खाने का समय आया........
तो यू वो नए मोड़ पे क्यों चला गया........
आज सब होने के बाद भी खाली सा महसूस हो रहा है........
न जाने वो रब से हमारे लिए कितना कुछ मांग रहा है........
न जाने कितनी लड़ाई के बाद वो हमें सहारा देने आता होगा........
न जाने क्यों पर उनके होने का एहसास जाने क्यों अब भी होता है.......
लोग कहते हैं आप नहीं हो पर कोई मेरे मन से पूछे तो साथ ही तो चलते हो ...........
miss you कहा हो पता नहीं पर मन कहता है सुन रहे हो...........