बुरांश:
इच्छा थी,ईर्ष्या थी,स्पर्धा थी
बीच में बुरांश खिला था,
प्यार था,प्रयास था, प्रभाव था
साथ में बुरांश मिला था।
हमारे जंगलों में पला-बढ़ा
जंगल का उबाल था,
जंगल पर रोने के लिए
यह पहाड़ के साथ था।
उसने जब कहा "बुरांश"
मन लाल हो गया था,
स्पर्श था,साथ था,स्नेह था
पास में बुरांश खिला था।
*** महेश रौतेला