प्रेम दिवस के शुभ अवसर पर
मैंने तुम्हें प्रेम से पत्र लिखा ।
समझ सको तो पढ़ लेना तुम
मैंने दिन को रात लिखा।।
बैचैनी सी छाई है
कलियाँ भी मुरझाई है।
तेरे प्रेम में खोकर मैंने
तुझे प्रेम का सार लिखा। ।
प्रेम दिवस के शुभ अवसर पर
मैंने तुम्हें प्रेम से पत्र लिखा।
तेरी कमी से प्रियवर मेरे
मन मेरा आकुल सा है।।
एक दिवस में नही भरेगा
ये सरिता के जल सा है।
प्रीत के मोती चुनकर मैने
तुझे मनोहर गीत लिखा।।
प्रेम दिवस के शुभ अवसर पर
मैंने तुम्हें प्रेम से गीत लिखा। ।