मां सरस्वती वंदना
जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
जय जय हे मां सरस्वती कश्मीर पुर वासिनी
हे मां विमला वसुधा हे मां शारदे।
जय जय हे मां सरस्वती हे मां भगवती हे मां भारती हे मां मैहर वाली हे मां शारदे।
त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान तेरा भव्य मंदिर दिव्य स्वरूप से सुसज्जित है हे मां शारदे।
जय जय हे मां विश्व संचालिनी हे मां शारदे।
तेरे चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम हे मां शारदे। जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
तेरी पूजा करने आए हैं हे मां शारदे।
लाए हैं कमल फूलों के हार तुम्हें पहनाने को हे मां शारदे। खोलो द्वार कब से खड़े हैं तेरे चरणों में आंचल पसार हे मां शारदे। दे दिव्य दर्शन हे मां शारदे कि पा जाएं विद्या बुद्धि ज्ञान
बल और विवेक संयम का वरदान हे मां शारदे।
जय जय हे मां सरस्वती हे मां शारदे।
जो तेरे दर पे आते हैं झोलियां भर कर
ले जाते हैं हे मां शारदे। मैं तेरे दर का भिखारी
मांगूं शरणागति तिहारी हे मां शारदे। ले लो शरण कि पूजा जप तप ध्यान साधना में बीते
जीवन मेरा हे मां शारदे। बार बार अभिनन्दन
करती दासी चरणों में तेरा हे मां शारदे। प्रणत नमामि त्वां चरणे भजामि हे मां सरस्वती हे मां शारदे। जय जय हे मां शारदे।
मति मति मति दे हे मां शारदे। विमल मति दे हे मां शारदे। अज्ञान तिमिर हर लो हे मां शारदे। सद्बुद्धि दे हे मां शारदे। बुद्धि को हाजिर जवाब बना दे हे मां शारदे। बुद्धि को तीव्र बना दे हे मां शारदे। बुद्धि का वरदान दो हे मां शारदे।
बुद्धि का सागर तुम हो हे मां शारदे। बुद्धि पर विराजो हे मां शारदे। कुबुद्धि नाशिनी तुम हो हे मां शारदे। बुद्धि जीवी बना दे हे मां शारदे।
बुद्धि को हाजिर जवाब बना दे हे मां शारदे।
मति विभ्रम दूर हो हे मां शारदे। जड़ बुद्धि को दूर करो हे मां शारदे।
जय जय हे मां शारदे।
आत्म विश्वास, धैर्य,बल और विवेक तथा
सद्व्यवहार ज्ञान का भंडार दे हे मां शारदे।
घट घट में ज्ञान भर दे हे मां शारदे। ज्ञान चक्षु खोल दे हे मां शारदे। ज्ञान को अंतर्हित कर दो मन में हे मां शारदे। ज्ञान मय उद्गार दे हे मां शारदे। ज्ञान से आलोकित जग कर दे हे मां शारदे। ज्ञान वान बना दे हे मां शारदे। ज्ञान वर्धक लेखों को लिखा दे हे मां शारदे।
हम अज्ञानी को ज्ञान दे हे मां शारदे।
जय जय हे मां शारदे।
भावों का उद्गार दे हे मां शारदे। भावों की गंगा बहा दे हे मां शारदे। भावों में ना अवरोध उत्पन्न हो हे मां शारदे। भावों को जगा दे हे मां शारदे। भावों को प्रवाह दे हे मां शारदे। भावों में सक्रिय रहें हे मां शारदे। भावों में बसो हे मां शारदे। जय जय हे मां जग जननी हे मां शारदे।
फल फूल और प्रसाद चढ़ाएं हे मां शारदे।
धूप दीप और नैवेद्य अर्पित करें हे मां शारदे।
अखंड ज्योति प्रज्वलित करें हे मां शारदे।
तेरे चरणों में दंडवत प्रणाम करते हैं हे मां शारदे। जय जय हे मां शारदे।
भूल चूक माफ करो हे मां शारदे।
कृपा करो हे मां शारदे।
अकिंचन अधम दासी कहे करो मेरे मन में
बसेरा हे मां शारदे । नित नित वंदन पूजन अर्चन होते रहें चरणों में तेरा। सादर समर्पण अंतर्मन से प्रणत अनुनय-विनय स्वीकार करो मेरा। सर्व कुशल मंगल कामना सहित सदैव रहे
शुभाशीष शीश पर हे मां शारदे। आने वाले
शुभ नव वर्ष पर मिले मंगलमय ज्योतिर्मय जीवन का वरदान बहुतेरा। हो सुखी घर परिवार
ले लेना शरण में मुझ संग संतानों को हे मां शारदे कि अधम दास करें दंडवत प्रणाम चरणों में तेरा। लिखते रहे लेखनी बन कर निर्झरणी
हे मां शारदे। जय हो जय हो जय हो मंगल करणी दुःख हरणी सुख करणी जग वंदनी
हे मां शारदे। रहे अकिंचन दासी तेरे चरणों में बनकर सदा सेवादार तेरा। रहें जीवन ज्योतिर्मय जाज्वलयमान यही है अरमान मेरा।
हे करुणामई दयामई आनंदमई मां सरस्वती
हे मां शारदे १००८ कमल फूलों के हार नूतन वर्ष पर सप्रेम सादर समर्पित स्नेह अभिनन्दन
बारंबार तेरा।
शब्दों के उपहार समर्पण करते हैं हे मां शारदे तेरे चरणों में। ना जाने हम व्रत पूजा और
ना जाने विधि विधान हे मां शारदे नत मस्तक
रहें सदा तेरे चरण कमलों में। पूजा भाव भक्ति
फल प्रसाद भावों से चढ़ाने आए हैं। ये सब
वस्तु तुम्हारी ही है हे मां शारदे। अर्ज़ यही मेरी
है चाहो तो स्वीकार करो। बना दो ज्ञानवान बुद्धिमान हमें हे मां शारदे अब विद्या बुद्धि ज्ञान
विस्तार करो।
जय हो जय हो जय हो हे मां सरस्वती हे मां शारदे। तेरी होवे जय जय कार हे मां शारदे।
शरण में ले लो हमें उबार देना जग उद्धार देना
सबको कुशल मंगल रखना। जग जगमग
कर देना। जय जय हे मां शारदे।
जय हो जय हो जय हो जय जय हे मां शारदे।
- Anita Sinha