आज भी उस अनजान से,
पता नहीं कोई गहरा रिश्ता लगता है,
मेरी शायरी ना देखने का दर्द झलकता हैं मुझे मे,
आश लगाए बैठा हु के आजाएं उसकी कॉमेंट,
जो दिल के तारो को छेड़ के बैठा है,
पता नहीं कोई गहरा रिश्ता लगता है,
सब कुछ सही हो उसकी जिंदगी में,
रब से दुवा है बस यही हमारी,
आजाएं लाइक उसकी तो दिल को एक सुकून लगे,
पता नहीं कोई गहरा रिश्ता लगता है,
हो गये 24 घंटे,
हर सेकेंड नहीं गुजरती उनकी लाइक के लिए,
पता नहीं कोई गहरा रिश्ता लगता है,
उस अनजान से......इंतजार रहेगा.....
- Kamlesh Parmar