वो मासूम अनजानी लड़की...
वो लड़की मासूम सी,
जिसका दिल शीतल जल जैसा था,
जो छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाया करती थी,
आज खुद को संभालना सीख गई है।
वो लड़की अनजानी सी,
जो किसी की ऊँची आवाज़ से सहमकर आँसू बहा देती थी,
अब अपने आँसुओं को मुस्कान की ओट में छुपाना जान गई है।
दुनिया के थपेड़ों ने उसे मजबूत बना दिया,
अब वो हर मुश्किल का सामना हँसते-हँसते करती है।
वो मासूम सी लड़की,
जो कभी सपनों के बादलों में उड़ती थी,
आज अपने सपनों को जमीन पर उतारने के लिए
अपने हर लम्हे को साकार कर रही है।
वो लड़की, जो कभी परिवार की लाडली कहलाती थी,
आज घर का सहारा बनकर हर जिम्मेदारी निभा रही है।
उसने अपनी मासूमियत को ताकत बना लिया है,
और अपनी उम्मीदों को पंख दे दिए हैं।
उसकी आँखों में अब भी सपनों का उजाला है,
पर उनमें दृढ़ता का एक नया प्रकाश है।
हर गिरावट को उसने अपने हौसले का सीढ़ी बना लिया,
और आज वह अपनी पहचान खुद गढ़ रही है।
हाँ, वो मासूम, अनजानी सी लड़की,
जो कभी अपने बचपन की नाजुकियों में गुम थी,
आज जीवन के हर मोड़ पर जीतने का हुनर जान गई है।
~R B Chavda ✍🏻
#StrongGirl
#Maturity