आंखों मैं कैद एक मंजर मैने देखा हैं,
प्यासा रहा मैं मैने फिर भी समंदर देखा है,
मुझे न दिखा खेल दुनियां के,
हरियाली मैं भी मैने पेड़ बंजर देखे हैं,
बड़े अजीब तरीके है यहां इश्क़ अता करने केे मैं खंजर मेने देखे हैं,
यहां एक हाथ मैं गुलाब, दूजे मैं खंजर मैने देखा है,
दुआ न देना मुझे फिर से जवां होने की इन बारिशों मैं,
बारिशों के बाद भी मैने जमीं को बंजर देखा है।।