बिना सोचे समझे मन में जो आए और बेमतलब बीच में बोलने की लत लग गई है। जहा चुप रहना होता है वहा मैं बिना बात के लप लप कर आती हूं और जहा बोलना होता है वहा मैं चुप चाप खड़ी हो के देखती हूं या लड़ आती हूं । जहा सीरियस रहना होता है वहा मुझे हंसी आ जाती है और जहा मजाक चल रहा होता है वहा में गुस्सा हो के लड़ आती हूं।
पर फिर भी मैं खुद से खुश रहती हूं क्योंकि मैं मेरा पसंदीदा इंसान हूं🙈😂
कौनसा डिसऑर्डर है भाई ये😭😭