Love letter,,,,,,, एक बहन का भाई को
अपने जज्बातों को लिख रहीं हूं,,,
मेरे भाई जरा गौर से पढ़ना।
सब से पहले तो एक विनती है,,,
बूढ़े मां-बाप को कभी खुद से दूर ना करना।
जैसे हमको प्यार से पाला है,,
तूम भी बुढ़ापे में वैसे ही उनकी परवरिश करना।
अपने जज्बातों को लिख रहीं हूं,,,
मेरे भाई गौर से पढ़ना।
जब चलें जाएंगे वो दुनिया से,,,
भाई के साथ मेरे पिता भी बन जाना।
मैं ना मांगती हिस्सा तुमसे,,,,
बस प्यार से गले लगाना।
यूं तो मां की जगह नहीं कोई ले सकता,,,
फिर भी भाभियों से मां जैसा प्यार दिलाना।
मानती हूं आपका भी घर परिवार है,,,
फिर भी कभी कभी फोन पर,,
बेटी समझकर प्यार जताना।
मेरा भी मान बना रहेंगे सुसराल में,,,
बस साल में एक दो बार मिलने चले आना।
हाथ रखकर सिर पर भाई,,,
थोड़ा अपनेपन का अहसास कराना।
जाते जाते फिर एक बार,,,
गोद में बिठा कर लाड़ लड़ाना।
आयें अगर कोई मुसीबत मुझ पर,,,
मेरे साथ खड़े हो जाना।
कोई ग़लती मुझसे कभी हो जाये,,,
थोड़ा डांटना और थोड़ा प्यार से समझाना।
मुझे भी तो अच्छा लगेगा ,,,
आपका यूं मुझ पर हक़ जताना।
ज्यादा तो नहीं मांगती,,,
बस मायके में बनता हक दिलाना।
चलें जाएंगे जब मां बाप दुनिया से,,,
भाई के साथ मेरे पिता भी बन जाना।
✍️✍️✍️ परमजीत 💚💚