चाहने वाले कब मुंह फेर लें,
आज के जमाने में नहीं पता।
फिरकी लेकर एक दूसरे की,
पीठ पीछे कर जाते हैं दगा।।

मिश्री

-किरन झा मिश्री

Hindi Shayri by किरन झा मिश्री : 111942744
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