विषय - तुम हो न

तुमसे ही विश्वास हमारा,
कि साथ हमेशा निभाओगे।
जब भी मन हिचकोले लेगा,
आशा की किरण दिखाओगे।।

सोई किस्मत पर दस्तक देकर,
हौसलों की उड़ान भर जाओगे।
कठिन श्रम का सहभागी बन,
तकदीर में बदलाव लाओगे।।

तुम्हारे साथ , एहसास से मैं,
कुछ भी पाने का रखती हूं दम।
बात तुम्हारी याद है मुझे,
मैं भी नहीं हूं किसी से कम।।

इसी बात को याद रखकर,
पग पीछे की तरफ नहीं हटता।
मेहनत सबकी रंग लाती है,
सोचकर हर पग आगे बढ़ता।।

मन जरा भी विचलित होता,
मायूसी का आलम छा जाता।
तुम हो न, सब संभाल लोगे,
इस ख्याल से,दम आ जाता।।

किरन झा (मिश्री)

-किरन झा मिश्री

Hindi Poem by किरन झा मिश्री : 111942736
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now