शीशे का नही दिल फिर भी टूट जाता है
आंखे खुलती है और ख्वाब टूट जाता है

वक्त के पैर नही फिर भी गुजर जाता है
तकलीफ होती है जब अपना रूठ जाता है

संभाला था एक रिश्ता मेने बड़े प्यार से.
तूफान आता है और दामन छूट जाता है

-गुमनाम शायर

English Shayri by गुमनाम शायर : 111939821
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