निखार चहेरे का आज भी ताजुब्ब खड़ा करता है,
रेशम का धागा अब भी उनपर सुनहरा सा लगता है,
चाँद पे धब्बा दिखा दूँगा मे मेरे हम सफर के सामने,
महकता फूल अभी भी सारे आम महक रहा लगता है ।

DEAR ZINDAGI 💕

Hindi Shayri by Dear Zindagi : 111938794
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