Hindi Quote in Blog by Arjit Mishra

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आज कल दुनिया भर में वैलेंटाइन्स वीक मनाया जा रहा है| आज की पीढ़ी को शायद न पता हो कि हिंदुस्तान में वैलेंटाइन्स डे मनाने की शुरुआत नब्बे के दशक में हुई| जब फिल्मों के माध्यम से इसके बारे में लोगों को जानकारी मिली| खासकर शाहरुख़ खान की रोमांटिक फिल्मों से| एक बहुत मशहूर फिल्म है “मोहब्बतें” जिसमें वैलेंटाइन्स डे के बारे में ये बताया गया कि इस दिन अगर कोई लड़का किसी लड़की से प्रणय निवेदन करेगा तो इस दिन वो लड़की बुरा नहीं मानेगी और उसके प्रेम को स्वीकार कर लेगी| बेहद शर्मनाक तरीके से परिभाषित किया गया इस दिन को जैसे किसी लड़की की कोई पसंद नापसंद हो ही नहीं सकती| इस दिन उसे हर प्रणय निवेदन को स्वीकार करना ही होगा|

कहते हैं कि वैलेंटाइन्स डे प्रेम के दिवस के रूप में एक संत वैलेंटाइन के नाम पर दुनिया भर में मनाया जाने लगा| अगर हम इस कहानी को सत्य भी मानें तो भी उसके मूल में प्रेम है| प्रेम जो कि एक नैसर्गिक भावना है जिसे किसी दिन विशेष में बाँधा नहीं जा सकता| न ही किसी भी प्रकार के दबाव में प्रेम पनप सकता है|

वैसे प्रेम को समझने के लिए हमें तो किसी आयातित कहानी या दिवस की आवश्यकता ही नहीं| हमारी सभ्यता हमारी संस्कृति का मूल तत्व ही प्रेम है, जिसमें समस्त मानवजाति, जीव जंतु के साथ प्रकृति से भी प्रेम को उल्लेखित किया गया है| हज़ारों वर्षों से हम राधा-कृष्ण के प्रेम को पूजते आये हैं| राधा-कृष्ण का आपस में विवाह नहीं हुआ था फिर भी हमारे समाज ने उनके प्रेम को स्वीकार किया क्यूंकि उनका प्रेम शाश्वत है पवित्र है| इसी प्रकार भगवान् राम भी माता सीता का हरण हो जाने पर व्याकुल होकर उन्हें पहाड़ों, जंगलों में ढूँढ़ते हैं| माता सीता का त्याग कर देने पर भी भगवान् राम दूसरा विवाह नहीं करते एवं माता सीता के प्रेम में ही अपना जीवन व्यतीत कर देते हैं| भगवान् शिव भी माता सती द्वारा दाह किये जाने के बाद उनकी जली हुई देह लेकर तीनों लोकों में विचरते हैं| जबकि भगवान् शिव त्रिकालदर्शी हैं महायोगी है, मानवीय संवेदनाओं से बहुत ऊपर हैं, फिर भी वो अपनी शक्ति को अपने प्रेम को महत्त्व देते हैं| इसी प्रकार हमारी सभ्यता हमारे इतिहास में अनेक उदाहरण हैं जहाँ लोगों ने प्रेम को अपने जीवन में सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया है|

फिर भी यदि किसी संभ्यता में कुछ अच्छा है तो उसे अपनाना उचित ही है| वैलेंटाइन्स डे या वीक मनाने में कुछ भी अनुचित नहीं है| यदि आप किसी विशेष दिन अपने प्रेमी/प्रेमिका को कुछ अलग एहसास कराना चाहते हैं, तो वैलेंटाइन्स डे अवश्य मनाएं| किन्तु प्रेम को अवश्य समझें| ख़ुद से ये प्रश्न अवश्य करें, कि कौन है मेरा वैलेंटाइन| जो आपके साथ घूमे-फिरे, खाए-पिए, फिल्म देखे, मौज-मस्ती करे या वो जो आपको सुने-समझे, आपकी फिक्र करे, आपको संभाले, जिसके साथ आप पूर्णता का अनुभव करो, जो आपके व्यक्तित्व को निखारे, आपके भविष्य को सुधारे| निर्णय आपको करना है|

जय राधा-कृष्ण

जय सिया-राम

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