Hindi Quote in Poem by SURENDRA ARORA

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

चालीस के बाद


चालीस के बाद तो उम्र का ढलाव दिखाई देने लगता है ,
सपने अंगड़ाई लेना भूल जाते हैं ,
संवेदनाएं भावनाओं के द्वार पर आकर ,
अपना रास्ता खो देती हैं ,
कर्तव्यों का लेखा - जोखा जिंदगी के पन्नों को भरने को आतुर रहता है ,
नदी किनारे की सुबह हो या शाम
सब उसकी धारा के कोलाहल की भेंट चढ़ जाती है ,
जल का पत्थरों से टकरा कर बिखर जाना
और अपने सागर को भूल जाना उसकी नियति होती है ,
पक्षियों की चहचहाहट उनके थके हुए पंखों की फड़फड़ाहट बन जाती है ,
पकते हुए बाल , जिंदगी को उसकी शाम के भाव से दूर रखे , को मेंहदी का आलेप देना
मजबूरी बन जाती है ,
सामने से खुद को पल्लू से ढकना
आदत में शुमार हो जाता है ।

डूबते हुए सूरज को देखकर अक्सर कहा करती थीं तुम ,
चालीस के बाद की उस उम्र में ।

पर अब ऐसा नहीं होता क्योंकि
साथ तुम्हारा होता है ,
तुम्हारी मुस्कुराती सी आंखे अपनी ही नजर बन जाती है ,

भले ही सूरज उग रहा हो
या पर्वतों में कहीं समा रहा हो ,
क्षितिज के इस पार या उस पार ।

बोलो ! जो कह रही हूं
वो झूठ है क्या ?
नहीं फर्क पड़ता कुछ भी
उम्र चालीस के इस पार थी
या अब है उस पार।

सुरेंद्र कुमार अरोड़ा ,
साहिबाबाद ।

Hindi Poem by SURENDRA ARORA : 111916688
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now